दिल्ली के स्कूलों में है यह नियम
सूत्रों के मुताबिक, "दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में पिछले कई दशकों से यही परंपरा चली आ रही है कि अगर कोई छात्रा हिजाब या स्कार्फ पहनकर स्कूल आती है तो स्कूल परिसर में प्रवेश करने के बाद कक्षा में जाने से पहले उसे स्कार्फ उतारना होता है. इस मामले में लड़की जब स्कूल परिसर में पहुंच गई तो शिक्षकों ने उससे मौजूदा परंपरा के तहत स्कार्फ हटाने को कहा.
उडुपी में से शुरू हुआ था विवाद
1 जनवरी को कर्नाटक के उडुपी में एक कॉलेज की छह मुस्लिम छात्राओं ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) द्वारा कर्नाटक के उडुपी में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लिया. इसमें उन्होंने कॉलेज के अधिकारियों द्वारा हिजाब पहनकर कक्षाओं में प्रवेश से इनकार करने का विरोध किया था। उन्होंने चार दिन पहले कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति का अनुरोध किया था, जिसकी अनुमति नहीं थी. कॉलेज के प्रिंसिपल रुद्रे गौड़ा ने कहा था कि छात्राएं स्कूल परिसर में स्कार्फ पहन कर आती थीं, लेकिन कक्षा में प्रवेश करने से पहले उन्हें हटा देती थीं।
'सुनवाई पूरी होने तक यूनिफॉर्म पहनें'
मालूम हो कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को हिजाब मामले में सुनवाई के दौरान कहा था कि स्कूल या कॉलेज जो यूनिफॉर्म पहनने का सुझाव देंगे, उसे मामले की सुनवाई पूरी होने तक माना जाएगा.