जामिया मिल्लिया इस्लामिया की वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने कहा है कि मानवाधिकार आयोग की टीम 14 जनवरी को यूनिवर्सिटी का दौरा करेगी. इस दौरान टीम घायल छात्रों और गवाहों से बयान और सबूत लेगी. नजमा ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि वे हमारे दृष्टिकोण से देखने की कोशिश करेंगे.'
दरअसल जामिया मिल्लिया इस्लामिया में नागरिकता कानून के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच कैंपस में भी हंगामा हुआ था. कैंपस के छात्रों ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया था कि पुलिस ने निर्दोष छात्रों पर लाठियां बरसाईं, आंसू गैस के गोले छोड़े, लाइब्रेरी और हॉस्टल के भीतर तोड़फोड़ भी की. हालांकि इन सभी दावों का पुलिस ने खंडन किया था और कहा था कि पुलिस पर पथराव हुआ था.
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) देश में लागू हो चुका है. जामिया के छात्र इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दिल्ली में नागरिकता कानून पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया में लोगों को संबोधित किया. इस दौरान थरूर ने कहा कि सीएए अलोकतांत्रिक और भेदभावपूर्ण है. यह भारतीय लोकतंत्र पर धब्बा है.
जामिया और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) में बेहद शर्मनाक बर्ताव किया गया. जामिया में पुलिस ने खुद हॉस्टल और लाइब्रेरी में तोड़फोड़ की. यहां कुछ लोगों को पुलिस ने घायल किया, कुछ लोग मर भी गए. यह पुलिस का विरोध रोकने का तरीका है. इसी तरीके से छात्रों से दुर्व्यवहार किया गया.
Najma Akhtar, Jamia Milia Islamia University Vice-Chancellor: Human Rights Commission's team will visit campus on 14th Jan. The team will take statements and proofs from injured students&witnesses (of December 15 incident). I hope they will try to see through our point of view. pic.twitter.com/SsShDcUHWB
— ANI (@ANI) January 12, 2020
शशि थरूर ने कहा है कि हमारे देश में असंतोष बेहद कीमती है. यह समझना बेहद जरूरी है कि छात्रों का समर्थन करना चाहिए. नागरिकता संशोधन अधिनियम की प्रकृति धार्मिक आधार पर भेदभाव करने की है. यह संविधान का उल्लंघन है.
दरअसल, देश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. इसी बीच जामिया में 15 दिसंबर 2019 को हिंसा देखने को मिली थी. इस दौरान पुलिस कैंपस में भी घुस आई थी. वहीं कई छात्र इस हिंसा में घायल हो गए थे.