देश के सबसे पिछड़े जिलों में विकास की रफ्तार में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जिलाधिकारियों की क्लास ली. पिछड़े जिलों में विकास की रणनीति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को इस पर काम करना चाहिए कि कैसे निराशा में डूबी हुई व्यवस्था को आशावान व्यवस्था में बदला जाए.
दिल्ली के डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन पीएम मोदी ने पिछड़े जिलों के 100 से अधिक जिलाधिकारियों के साथ जिलों के विकास की रणनीति पर चर्चा की.
पीएम मोदी ने कहा कि 14 अप्रैल को बाबा साहब अंबेडकर की जयंती तक क्यों न हम एक कार्यसीमा तय करें. मैं चाहूंगा कि तीन महीने की मॉनिटरिंग के बाद अपने प्रयासों में अव्वल रहने वाले जिलों में कुछ समय रहूं. इस दौरान मैं उनसे सीखने का प्रयास करूंगा.
पीएम मोदी ने कहा कि चुनौतियों की अपनी एक ताकत होती है. मैं उन लोगों को कभी भाग्यवान नहीं मानता जिनकी जिंदगी में कभी चुनौती आयी ही न हो. जिंदगी उन्हीं की बनती है जो चुनौतियों से लोहा लेने का सामर्थ्य रखते हैं.
उन्होंने जिलाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वो अधिकारी ही थे जिन्होंने ऐतिहासिक स्पीड से गांवों में बिजली पहुंचाने और शौचालय बनाने के काम को अंजाम दिया. साथ ही सबको यह मानने पर मजबूर किया कि इतनी तेजी से भी काम हो सकता है.
नीति आयोग द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में उन्होंने कहा कि हमने करीब 4 लाख शौचालयों का निर्माण किया. साथ ही हमारी सरकार अपने कार्यकाल के पहले 1000 दिनों में 18,000 गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए काम कर रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर जीवन भर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ते रहे. 115 जिलों के हर गांव का विकास उस सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता तक पहुंचने के प्रयास का हिस्सा बनेगा जिसका सपना बाबा साहेब अंबेडकर ने देखा था.
जनधन योजना पर पीएम ने कहा कि बैंकों का राष्ट्रीकरण हुआ, फिर भी करीब 20 करोड़ गरीब इसकी पहुंच से दूर रहे. इसके लिए हम जनधन योजना लेकर आए और उसे बदला. यह दिखाता है कि जनता फैसला कर ले तो सकारात्मक बदलाव हो सकता है.
उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि आपका प्रयास यह होना चाहिए कि निराशा में डूबी हुई व्यवस्था को आशावान व्यवस्था में कैसे बदला जाए. नीति आयोग द्वारा आयोजित इस सम्मेलन को 'कांफ्रेंस ऑन ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ आस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स' का नाम दिया गया है.
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने देश में 100 से अधिक पिछड़े जिलों की पहचान की है. इन जिलों में विकास की योजनाओं में तेजी लाने के लिए केंद्र ने संयुक्त सचिव लेवल के अधिकारियों को इसका प्रभार सौंपा है.