दूसरों के घरों में बर्तन साफ कर मां ने दिए संस्कार: मोदी बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने रविवार के दिल्ली भाषण में अपने और अपनी मां के परेशानी भरे दुखदायी दिनों का जिक्र किया. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में योगगुरु बाबा रामदेव के कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि मजबूरियों से घिरी मां के बोझ को कम करने के लिए मैंने खुद चाय बेची थी.
स्टेडियम में मौजूद रहकर भी अपने अतीत के झरोखों में झांककर लोगों को अपना बचपन सुनाते हुए मोदी बोले कि बेचारी मेरी मां बरतन साफ करती थीं. इसके साथ्ा हमारा वो पालन पोषण भी बखूबी करती थीं. बकौल मोदी हम बिनौले छीलते थे, सुबह बेचने जाते थे, जिससे हमें जीने के लिए कुछ मजदूरी मिलती थी. मोदी ने कहा कि सियासत की सीढ़ियों पर कदम आगे बढ़ाना हो तो फिर मां की अहमियत का कोई मोल नहीं होता. चाय बेचने वाले से देश के सबसे चहेते नेता बनने का ये सफर आखिर कैसे कोई भूल सकता है. तभी मोदी को अपने संघर्ष भरे दिन बखूबी याद हैं और ये भी याद है कि उनकी मां ने उनकी परवरिश के लिए जो बलिदान दिया है उसकी वजह से ही वो आज निराशावादी नहीं हैं.
बीजेपी के 'पीएम इन वेटिंग' नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार का लोकसभा चुनाव एक आंदोलन जैसा होता जा रहा है. बीजेपी मुद्दों के आधार पर ही चुनाव लड़ेगी. मोदी ने कहा कि इस बार चुनाव में पुरानी परंपराएं टूटेंगी. हम पद के लिए पैदा नहीं हुए हैं, जिदंगी में कुछ करने के लिए आए हैं. मोदी ने कहा कि देश को वादे नहीं अब इरादे चाहिए.
मोदी ने कहा कि हम जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे. उन्होंने कहा कि हम बाबा रामदेव की अपेक्षाओं पर भी खरा उतरेंगे. देश की गौरवशाली परंपराओं का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि हमें इन पर गर्व होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें अपनी भाषाओं पर भी अभिमान होना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश के लोग ही देश को आगे ले जाएंगे.
केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मोदी ने कहा कि देश से बालू की भी स्मगलिंग होने लगी है. उन्होंने आरोप लगाए कि केंद्र सरकार का ध्यान मांस निर्यात पर लगा हुआ है. सरकार के चलते ही सोने की तस्करी हो रही है. मोदी ने कहा कि उत्पादन क्षमता के भरपूर उपयोग से ही GDP में बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि कृषि को मजबूत बनाने के लिए इसे तीन हिस्सों में बांटना होगा. उन्होंने कहा कि नौजवानों को हुनर सिखाया जाए, वो जीवन जी लेगा.
दरअसल मोदी योगगुरु स्वामी रामदेव के ट्रस्ट के स्थापना दिवस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे. रामदेव के मंच पर मोदी भावुक हो गए. उन्होंने अपने बचपन और अपनी मां को याद किया. उन्होंने कहा कि चाय बेचने वाले बच्चे को कंध पर बिठाने के लिए देश का शुक्रिया. मोदी ने कहा कि मैं निराशावादी नहीं हूं, क्योंकि मैंने अपनी मां को दूसरों के घरों में बर्तन मांजते देखा है. मां को बिना निराश हुए अपने बच्चों को पालते हुए देखा है.