राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने दिल्ली के मुख्य सचिव के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है. उन पर आरोप है कि NGT के दिए आदेश का पालन कराने की कोशिशों पर ट्रिब्यूनल के अधिकारियों को अपडेट नहीं किया गया.
दरअसल, ट्रिब्यूनल ने स्टेनलेस स्टील शोधन करने वाली कंपनियों को बंद करने का आदेश दिया था. दिल्ली सरकार की यह जिम्मेदारी थी कि वो इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराए और इस दिशा में लिए गए कदमों की जानकारी अफसरों को दी जाती रहे. सरकार हालांकि इसमें विफल रही.
न्यायिक सदस्य यूडी सालवी की अध्यक्षता वाले एक खंडपीठ ने कहा, 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार की ओर से कोई भी मौजूद नहीं है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार की सबसे पहले जवाबदेही बनती है. फिर भी नोटिस जारी किए जाने के बावजूद उनके तरफ से कोई भी मौजूद नहीं है, एनजीटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्रतिवादी नंबर एक की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव के खिलाफ गिरफ्तारी का 10,000 रुपया का जमानती वारंट जारी किया जाता है.'
अधिकरण ने कहा कि इस्पात शोधन वाले उद्योगों को बंद करने के आदेशों को लागू करने के बारे में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. खंडपीठ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई की निर्धारित तारीख एक जुलाई को जमानती वारंट वापस लिया जा सकता है. याचिका की सुनवाई के दौरान मौजूद डीजेबी के वकील ने जबाव देने के लिए कुछ समय देने की मांग की जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया.
भाषा से इनपुट