एनजीटी ने चार राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह सभी अपने यहां सीएनजी स्टेशन शुरू करें, वरना वह इन राज्यों में परिवहन बंद कर देंगे. एनजीटी ने चारों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों व पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड के अधिकारियों को को मामले की अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरमेन स्वतंत्र कुमार ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि दिल्ली में इन राज्यों से वाहनों से होने वाला प्रदूषण सबसे अधिक होता है. एनजीटी ने नाराजगी जताते हुए चारों राज्यों से पूछा की वह बताएं की उन्होंने अपने यहा सीएनजी स्टेशन लगाने के लिए अभी तक क्या ठोस कदम उठाएं हैं. इस बारे में उनकी क्या योजना है. इस बारे में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जो सबसे रिपोर्ट मांगी थी वो कहां है.
एनजीटी ने सभी राज्यों को कहा कि हर राज्य को अपने अपने राज्यों मे सीएनजी स्टेशन लगाने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे. अगर आप ऐसा नहीं करते तो हम राज्य में परिवहन बंद कर देंगे. एनजीटी ने कहा कि दिल्ली में 50 प्रतिशत प्रदूषण महीन पर्टिकूलेट मैटर से होता है जो इन पड़ोसी राज्यों से आता है. एनजीटी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि राजधानी में वायु की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है.
दिल्ली में वायु प्रदूषण से हालात बदतर हो गए हैं. आसपास के राज्यों से होने वाला प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. इससे पहले सितंबर में एनजीटी ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा को अपने यहां सीएनजी स्टेशन की संभावनाओं को तलाशने का निर्देश दिया था. 18 जुलाई को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश दिया था.