राष्ट्रीय महिला आयोग ने 'आप' नेता आशुतोष को 8 सितंबर को आयोग मुख्यालय में हाजिर होने के लिए समन भेजा है. आयोग को उम्मीद है कि आशुतोष कायरता दिखाकर वकील से जवाब भेजने की बजाय खुद हाजिर होकर आयोग के सवालों का सामना करेंगे.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने आशुतोष की हरकतों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिस तरह आशुतोष पहले ब्लॉग और अब ट्वीट कर रहे हैं, ऐसे में हम उनसे सवाल तो करेंगे ही. लेकिन पहले वो हाजिर तो हों.
'महिलाओं के प्रति अच्छे विचार नहीं'
एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने कहा कि आशुतोष के ब्लॉग से तो साफ हो जाता है कि उनके विचार महिलाओं के प्रति अच्छे नहीं हैं. वे महिलाओं को उपभोग की वस्तु मानते हैं. उनके विचार ओछे और पितृसत्तात्मक हैं.
'सबसे पहले हूं महिला'
कुमारमंगलम ने कहा कि 'आशुतोष जैसे वरिष्ठ पत्रकार से इतनी समझ की उम्मीद तो की ही जा सकती है कि वे याद रखें कि 3 साल पहले ही मैंने बीजेपी की सदस्यता छोड़कर इस संवैधानिक संस्था का अध्यक्ष पद स्वीकार किया था. मैं चाहे बीजेपी से जुड़ी रही हूं या आयोग की अध्यक्ष हूं पर पहले मैं महिला हूं. आशुतोष को इसकी गरिमा को समझनी चाहिए.
मैं तीन साल पहले बीजेपी में थी. उस समय मेरे पास दो विकल्प थे एक बीजेपी की कार्यकारिणी की सदस्यता या राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष बनना. मैंने दूसरा विकल्प चुना.
रही बात महिलाओं के बारे में लिखने वाले सारे ब्लॉगर पर समान कार्रवाई की तो उन्हें ये भी याद रखना चाहिए कि साइबर क्राइम के तहत सभी आरोपियों की जांच होती है और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी होती है.