अगले साल चुनाव भले ही पंजाब में है, लेकिन जंग का मैदान दिल्ली बना हुआ है. आज पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर धरना दिया. सिद्धू दिल्ली के संविदा शिक्षकों की मांग को उठा रहे थे. इस धरने में उनके साथ संविदा शिक्षक मौजूद थे. बता दें कि इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पंजाब के मोहाली में वहां के संविदा शिक्षकों का मुद्दा उठाये थे और पंजाब के संविदा शिक्षकों की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था.
रविवार को बारी नवजोत सिंह सिद्धू की थी. सिद्धू अपने दल बल के साथ दिल्ली में केजरीवाल के घर से कुछ दूर पहुंचे और धरने पर बैठ गए. नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने अंदाज में पूछा- कहां हो गुरु? बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आज यानी रविवार को गोवा में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे हैं.
An ounce of performance is worth a pound of preachment, practice what you preach @ArvindKejriwal Ji … Delhi School Teachers say they are treated as bonded labour & daily wagers, paid per day, no payment for holidays or weekends, No guarantee of contract, removed without notice ! pic.twitter.com/W4NieQbaMF
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) December 5, 2021
नवजोत सिंह सिद्धू इस दौरान अपने रंग में दिखे. उन्होंने कहा, "अरे गुरु केजरीवाल साहब पंजाब में आकर लेक्चर करते हो, अपना रोग बढ़ता जाए और दूसरों को दवा बताते हो. इस दौरान सिद्धू ने मशहूर हिन्दी गाना गाया, "भोली सूरत दिल के खोटे, नाम बड़े और दर्शन छोटे."
अरविंद केजरीवाल के घर के करीब चंदगी राम अखाड़ा पर दिल्ली के गेस्ट टीचर्स के साथ प्रदर्शन कर रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि जब दिल्ली के 22 हजार गेस्ट टीचर सड़क पर हैं तो दिल्ली के मुख्यमंत्री कहा हैं?
बता दें कि All India guest teacher association के मुताबिक दिल्ली सरकार ने 7 साल पहले तीन तीन बार वादा किया था कि दिल्ली के गेस्ट टीचर्स को पक्की नौकरी देंगे लेकिन 7 साल बीत गए उन्हें नौकरी नहीं मिली. कोरोना काल में दिल्ली के गेस्ट टीचर की हालत और खराब हो गई.
आंकड़े के मुताबिक 22000 से ज्यादा गेस्ट टीचर्स करीब 7 सालों से स्थायी होने का इंतजार कर रहे हैं. संगठन के प्रेसिडेंट अरुण डेढ़ा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों पंजाब में कहा की अस्थायी शिक्षकों को स्थायी करना बहुत छोटा सा काम है. केजरीवाल के इसी कथन से दिल्ली के 22000 गेस्ट टीचर्स में एक बार फिर आस जगी कि जो काम पंजाब में सबसे छोटा है वह दिल्ली में भी हो सकता है. संगठन का कहना है जब तक सभी गेस्ट टीचर नियमित नहीं हो जाते तब तक तुरंत प्रभाव से सुप्रीम कोर्ट के समान कार्य समान वेतन के आदेशानुसार सभी को समान कार्य समान वेतन दिया जाए.