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भलस्वा लैंडफिल साइट: कूड़े का पहाड़ खत्म करके बनाया जाएगा टूरिस्ट स्पॉट

भलस्वा लैंडफिल साइट पर लगी आग की घटना के बाद संज्ञान लेते हुए उत्तरी दिल्ली के मेयर आदेश गुप्ता और कमिश्नर मधुप व्यास ने मंगलवार को साइट का निरीक्षण किया.

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मेयर ने किया भलस्वा लैंडफिल साइट का निरीक्षण
मेयर ने किया भलस्वा लैंडफिल साइट का निरीक्षण

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भलस्वा लैंडफिल साइट पर लगी आग की घटना के बाद मंगलवार को दिल्ली नगर निगम के मेयर आदेश गुप्ता ने अधिकारियों के साथ लैंडफिल साइट का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि भलस्वा लैंडफिल साइट पर ऐसी स्थिति को नियंत्रित करने पर विचार किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि भविष्य में नगर निगम इस स्पॉट को टूरिस्ट प्लेस बनाने की योजना बना रहा है.

निगरानी के लिए 60 कर्मचारी तैनात

उत्तरी दिल्ली नगर निगम की मेयर आदेश गुप्ता ने बताया कि इस लैंडफिल साइट पर कूड़ा प्रबंधन और निगरानी हेतु 60 कर्मचारी, 5 बुलडोजर और 2 एक्स्कवेटर तैनात किए हैं, जो 24x7 विभिन्न पालियों में इस कार्य में लगे रहते हैं. इसके अलावा भलस्वा लैंडफिल साइट के लिए अग्नि विभाग द्वारा 4 फायर टेंडर भी  दिए गए हैं. जो सूचना मिलते ही उपलब्ध करवा दिए जाते हैं. इसके साथ ही लैंडफिल साइट के कटिली तारों को और सुदृढ़ करने के भी निर्देश दिए, जिससे अवैध प्रवेश को रोका जा सके. नगर निगम कूड़े के पहाड़ के आस पास बाउंड्री बनाने जा रहा है.

जमीन से 12 मीटर गहराई तक है कूड़ा

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भलस्वा लैंडफिल साइट पर बढ़ते कूड़े का ढेर काफी ऊंचा है. जबकि जमीन के अंदर 12 मीटर गहराई में भी कूड़े का ढेर है. उन्होंने बताया कि भलस्वा लैंडफिल साइट के पर्मानेंट हल के लिए विचार किया जा रहा है.  जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट भी निगम को सौंप दी गई है. यह लैंडफिल साइट 70 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है, इसकी ऊंचाई 62 मीटर तक पहुंच चुकी है. मेयर आदेश गुप्ता ने बताया कि प्रति दिन भलस्वा लैंडफिल साइट पर 2,000 मीट्रिक टन कूड़े का निष्पादन किया जाता है, वर्तमान में यहां 80 लाख मीट्रिक टन कूड़ा है.

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