न्यूयॉर्क टाइम्स में दिल्ली के सरकारी स्कूलों पर छपे एक लेख को लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने आ गई हैं. AAP इसे जहां अपनी उपलब्धि बता रही है, वहीं बीजेपी का आरोप है कि ये पैसे देकर छपवाया गया विज्ञापन है. अब इस बारे में न्यूयॉर्क टाइम्स ने आजतक के साथ एक्सक्लूसिव बात की है.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस लेख को 'प्रमोशन' बताए जाने की बात से इंकार किया है. न्यूयॉर्क टाइम्स का कहना है कि दिल्ली के स्कूलों और शिक्षा व्यवस्था पर उसकी ये स्वतंत्र, निष्पक्ष और ऑन-ग्राउंड रिपोर्टिंग है.
इस मामले में आजतक ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कुछ सवाल किए थे, जिनके जवाब में अमेरिकी अखबार ने कहा- न्यूयॉर्क टाइम्स के इंटरनेशनल एडिशन के फ्रंट पेज पर ये लेख छापा गया है. ये उसकी खुद की न्यूज कवरेज है, ये कोई विज्ञापन नहीं है और ना ही इसके लिए किसी तरह का भुगतान किया गया है.
न्यूयॉर्क टाइम्स के प्रवक्ता ने कहा- हमारी रिपोर्ट दिल्ली के एजुकेशन सिस्टम को बेहतर बनाने की कोशिशों के बारे में है. ये स्वतंत्र, निष्पक्ष और ऑन-ग्राउंड रिपोर्टिंग है. शिक्षा एक ऐसा सब्जेक्ट है जिसे न्यूयॉर्क टाइम्स कई सालों से कवर कर रहा है. न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए पत्रकारिता हमेशा एक स्वतंत्र, राजनीति और विज्ञापन देने वालों के प्रभाव से मुक्त रही है. अन्य समाचार पत्र हमारे लेख और न्यूज कवरेज को लाइसेंस के आधार पर दोबारा पब्लिश करते रहते हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स के लेख को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी आमने-सामने आ गए थे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जहां इसे अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया और इसे लेकर एक वीडियो जारी किया. वहीं बीजेपी के नेता और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसे पैसे देकर छपवाया गया विज्ञापन बताया था. इस लेख की एक कॉपी खलीज टाइम्स में भी छपी है.