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रेप के आरोपी NGO डायरेक्टर खुर्शीद अनवर ने की खुदकुशी

एक एनजीओ के डायरेक्टर खुद पर लगे रेप के आरोप को बर्दाश्त नहीं कर पाए और आत्महत्या कर ली. खुर्शीद अनवर पर दिल्ली गैंगरेप के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल रही मणिपुर की एक लड़की ने रेप का आरोप लगाया था. खुर्शीद खुद भी दिल्ली गैंगरेप के खिलाफ हुए प्रदर्शन में जोर-शोर से शामिल हुए थे.

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खुर्शीद अनवर
खुर्शीद अनवर

एक एनजीओ के डायरेक्टर खुद पर लगे रेप के आरोप को बर्दाश्त नहीं कर पाए और आत्महत्या कर ली. खुर्शीद अनवर पर दिल्ली गैंगरेप के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल रही मणिपुर की एक लड़की ने रेप का आरोप लगाया था. इस सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 376 और 328 के तहत एफआईआर भी दर्ज की थी.

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बुधवार सुबह उन्होंने अपने वसंत कुंज स्थित घर की छत से कूदकर जान दे दी. खुर्शीद खुद भी दिल्ली गैंगरेप के खिलाफ हुए प्रदर्शन में जोर-शोर से शामिल हुए थे.

पुलिस को करीब 11 बजे सूचना मिली कि वसंत कुंज बी-9 के फ्लैट नंबर 6424 में रहने वाले एक शख्स ने छत से कूदकर जान दे दी है. पुलिस मौके पर पहुंची और खुर्शीद को एम्स के ट्रॉमा सेंटर ले गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. खुर्शीद अनवर के इस कदम से सोशल मीडिया पर नई बहस शुरू हो गई है. चूंकि मामले की जांच चल रही है, इसलिए आरोप सही हैं या गलत, यह अभी नहीं कहा जा सकता. लेकिन फेसबुक पर कई लोग आरोप लगा रहे हैं कि खुर्शीद के खिलाफ सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करके उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाया गया.

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खुर्शीद पर आरोप लगाने वाली युवती दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट रही है. दिल्ली गैंगरेप के बाद हुए प्रदर्शनों में उसने भी लाठियां खाईं और कांस्टेबल सुभाष तोमर की मौत की गवाह भी रही. फिर वह एक एनजीओ से जुड़ी और आपदा पीड़ितों की मदद के लिए उत्तराखंड गई.

लेखिका मधु किश्वर को दिए अपने बयान में लड़की ने दावा किया है कि 12 सितंबर को वह खुर्शीद के घर एक पार्टी में गई. वहां उसने शराब पी जिसके बाद उसे उल्टी हो गई. खुर्शीद ने उसे अपने बेडरूम में सो जाने को कहा. पार्टी खत्म होने के बाद जब बाकी लोग चले गए तो खुर्शीद ने उनके साथ रेप किया. खुर्शीद अनवर के खिलाफ ये आरोप इसलिए भी चौंकाने वाले थे क्योंकि वह खुद महिलाओं की आजादी के पक्षधर माने जाते थे और ऐसे आंदोलनों में हिस्सा लेते रहे थे. बल्कि फेसबुक पर 16 दिसंबर को लिखे आखिरी स्टेटस में भी उन्होंने लोगों से दामिनी की याद में आयोजित कैंडल मार्च में आने की अपील की थी.

यह चौंका देने वाला वाकया अपने साथ कई और सवाल भी छोड़ गया है. मसलन, क्या वाकई खुर्शीद अनवर से कोई अपराध हुआ था या सारी जिंदगी महिला अधिकारों की पैरवी करने के बाद वह खुद पर लगे 'झूठे आरोपों' को बर्दाश्त नहीं कर पाए. सोशल मीडिया पर उठ रहा एक बड़ा सवाल यह भी है कि सख्त कानून बनने के बाद क्या महिला का आरोप ही पत्थर की लकीर माना जाएगा?

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