दिल्ली के पानी में अमोनिया का स्तर खतरनाक लेवल पर पहुंचने के बाद एनजीटी ने दिल्ली और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी को इस पर तुरंत मीटिंग करके गंभीर स्थिति पर काबू पाने के उपाय ढूंढ़ने को कहा है.
एनजीटी में हुई सुनवाई में दिल्ली सरकार पानी में प्रदूषण के लिए हरियाणा को और हरियाणा सरकार, दिल्ली को कोसती नजर आई, लेकिन एनजीटी ने कहा कि यह समस्या का समाधान नहीं है.
सुनवाई के दौरान एनजीटी में शुक्रवार को सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड ने दिल्ली में अलग-अलग जगहों से लिए गए पानी के सैंपल की रिपोर्ट भी पेश की. अमोनिया का स्तर पानी में 0.8 से ज्यादा नहीं होना चाहिए. लेकिन दिल्ली में यह कई जगहों पर 38.0 तक पहुंचा हुआ है. पलूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली गेट ड्रेन में अमोनिया का स्तर 38.0, सोनिया विहार ट्रेन में 35.0, नजफगढ़ ड्रेन में 3.0, ITO बैराज में 24.9 और बारापुला ड्रेन में 20.0 पाया गया है.
अमोनिया का ये वो स्तर है जिसे किसी भी हाल में जल बोर्ड के लिए ट्रीट करना संभव नहीं है, ऐसे में ये समस्या बेहद गंभीर है. सिर्फ ओखला ट्रीटमेंट प्लांट में अमोनिया 0.8 मिला है और हथनीकुण्ड बैराज में ये 0.6 मिला है.
नाराज एनजीटी ने कहा कि आप लोगों के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट काम नहीं कर रहे हैं और ना ही हरियाणा और दिल्ली दोनों राज्य उन मानकों को फॉलो कर रहे हैं, जो पानी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए बेहद जरूरी हैं.