डेंगू से निपटने के लिए एनजीटी ने दिल्ली मे 10 वकीलों को लोकल कमिश्नर बनाया है और दिल्ली पुलिस को इनकी मदद करने का आदेश दिया गया है.
इन लोकल कमिश्नर का काम ये देखना होगा डेंगू, चिनकगुनिया जैसी बीमारियों से निपटने के लिए सभी विभागों की तैयारी कैसी है. क्या क्या अभी तक तैयारियों में कमियां है और किस-किस पनपने की स्थिति है जिसको रोकना जरूरी है. एनजीटी ने ये आदेश उस याचिका पर दिया है जिसमें कहा गया था कि सिविक एजेंसी डेंगू से निपटने के लिए अभी भी तैयार नहीं है और सिर्फ फोगिंग से समस्या का समाधान नहीं निकाला जा सकता.
दिल्ली सरकार और MCD से नाखुश NGT
दरअसल एनजीटी एमसीडी और दिल्ली सरकार की अब तक की तैयारियों से नाखुश है और एनजीटी किसी भी हाल में राजधानी में दोबारा वैसे हालात नहीं चाहती जैसे हालात पिछले सालों में लोगों को डेंगू, चिकनगुनिया के चलते झेलने पड़े हैं.
एनजीटी पिछले साल की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें चिकनगुनिया के दिल्ली में बढ़ने के बाद कोर्ट ने स्पेशल कमेटी का गठन किया था. हाई कोर्ट हाल ही में स्वत संज्ञान लेकर ड़ेंगू और चिकनगुनिया को दिल्ली मे रोकने की तैयारियों पर सुनवाई कर रहा है.
दिल्ली सरकार ने रखा अपना पक्ष
एनजीटी मे आज हुई सुनवाई मे दिल्ली सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अभी तक के डेंगू और चिकनगुनिया के जो भी मामले दिल्ली के अस्पतालों मे सामने आए हैं वो दूसरे राज्यों से दिल्ली आए हुए मरीज हैं. वहीं एमसीडी ने भी कहा कि वो डेंगू से निपटने के लिए अपनी तैयारियों में जुटी हुई है. लेकिन सरकार और सिविक एजेंसी के जवाब से एनजीटी खुश नहीं नजर आई. अगली सुनवाई जब 20 मई को होगी तो कोर्ट के द्वारा नियुक्त किए गए 10 लोकल कमिश्नर कोर्ट को पूरी दिल्ली की डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने के लिए तैयारियों की वास्तविक तस्वीर पेश करेंगे.