नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मंगलवार को दिल्ली की सड़कों पर 10 साल पुरानी सभी तरह की डीजल गाड़ियों के परिचालन पर बैन लगा दिया है. एनजीटी प्रमुख जस्टिस स्वतंत्र कुमार की बेंच ने आदेश पारित करते हुए सभी संबंधित ट्रांसपोर्ट अफसरों को इस तरह की गाड़ियों की सूची सौंपने के लिए कहा है.
पूर्वी दिल्ली नगर निगर (एनडीएमसी) का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील बालेंदु शेखर ने बताया कि ट्रिब्यूनल ने सभी संबंधित एजेंसियों को आदेश दिया है कि वे नौ अप्रैल से राजधानी में एंट्री के सभी प्वॉइंट पर वाहन के प्रदूषण स्तर, वजन और उसकी उम्र की जांच के लिए इकाई स्थापित करें.
जजों की बेंच ने दुनिया के कई अन्य देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने हेवी टैक्स लगाकर या तो डीजल वाहनों पर रोक लगा दी है या फिर रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
उन्होंने कहा कि ट्रिब्यूनल को दिल्ली और उसके आसपास रहने वाले लोगों के लिए अच्छी गुणवत्ता की हवा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए. बेंच ने दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में किसी भी तरह के अवैध निर्माण पर भी सख्त आदेश पारित किया है.
15 साल पुरानी गाड़ियों पर जुर्माना
प्रदूषण का स्तर घटाने के लिए दिल्ली सरकार ने केंद्र से शहर में प्रवेश करने वाले 15 साल पुराने वाहनों पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान करने का आह्वान किया है. बढ़ते प्रदूषण स्तर से चिंतित केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के पर्यावरण मंत्रियों की बैठक बुलाई थी. दिल्ली सरकार के मुताबिक अन्य राज्यों से हल्के और भारी हजारों पुराने वाहन आते हैं जो यहां उच्च स्तर तक प्रदूषण फैलाते हैं.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री आसिम अहमद खान ने कहा, 'हमने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से यहां 15 साल पुराने वाहनों को यहां चलने से निरुत्साहित करने के लिए राजधानी में आने पर उन पर भारी जुर्माना लगाने का कानून में प्रावधान करने का सुझाव दिया.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण स्तर घटाने की सख्त आवश्यकता है और इस बात को ध्यान में रखते हुए हमें कुछ बड़े निर्णय लेने होंगे. अतीत में प्रदूषण पर अंकुश पाने से संबंधित कई फाइलें तैयार हुई, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हुआ.
-इनपुट: एजेंसियां