दिल्ली में प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को रिपोर्ट देने में नाकाम रही है. मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को कोर्ट में दिल्ली सरकार की ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ. इस पर एनजीटी ने नाराजगी जताई है.
एनजीटी ने कहा कि हर बार रिपोर्ट देने के बजाय क्यों सरकार 1-2 हफ्ते का समय मांग लेती है? सरकार ऑड-इवन को लेकर जितनी सक्रिय रही है उतना दिल्ली में कूड़ा जलाने, धूल की समस्या और 10-15 साल पुरानी डीजल और पेट्रोल की गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए अब तक सक्रिय क्यों नहीं दिखी है. NGT इस पर कई गंभीर आदेश पास कर चुका है.
दिल्ली सरकार और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को देनी थी रिपोर्ट
एनजीटी ने सरकार को आदेश दिया कि ऑड-इवन से 10 दिन पहले, उसके दौरान और फिलहाल प्रदूषण की स्थिति को लेकर रिपोर्ट NGT को दे. ये रिपोर्ट दिल्ली सरकार और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को देनी थी, लेकिन दोनों अब तक रिपोर्ट NGT को नहीं दे पाए हैं.
अगली सुनवाई 11 को
एनजीटी जानना चाहता है कि आखिर ऑड-इवन से प्रदूषण दिल्ली में कुछ कम हुआ भी है या नहीं. एनजीटी ने दिल्ली पुलिस से भी पूछा कि आखिर क्यों वो प्रदूषण की और वजहों को लेकर उतनी गंभीरता से काम नहीं कर रही है जितना ऑड-इवन में पूरी ताकत झोंक रही थी. मामले की अगली सुनवाई दो दिन बाद 11 मई को होगी.