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अवैध निर्माण को लेकर एनजीटी ने जेएनयू और दिल्ली सरकार को थमाया नोटिस

याचिकाकर्ता का आरोप है कि जेएनयू परिसर में स्टाफ क्वार्टर, यमुना हॉस्टल, सरस्वतीपुरम में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट समेत सात इमारतें अवैध रूप से बनाई गई हैं.

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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी)
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी)

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साउथ रिज इलाके मे अवैध निर्माण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरण व वन मंत्रालय, जेएनयू प्रशासन, दिल्ली सरकार व डीडीए को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

एनजीटी ने सभी को दो हफ्ते में जवाब देने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी. एनजीटी में ये याचिका एनजीओ चेतना ने दायर की. याचिकाकर्ता का आरोप है कि जेएनयू प्रशासन व सीआरपीएफ ने बिना पर्यावरण क्लीयरेंस लिए फोरेस्ट एरिया में निर्माण किया है. याचिका मे दावा किया गया है कि जेएनयू परिसर में स्टाफ क्वार्टर, यमुना हॉस्टल, सरस्वतीपुरम में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट समेत सात इमारतें अवैध रूप से बनाई गई हैं.

याचिका में बताया गया है कि जेएनयू परिसर साउथ सेंट्रल रिज केटेगरी में आता है. यहां निर्माण करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. याचिका में इसके अलावा वसंत कुंज व घिटोरनी के फोरेस्ट एरिया में कूड़ा डाले जाने का भी जिक्र है. 2013 में यह 100 वर्ग मीटर में फैला था लेकिन अब यह कई किलोमीटर में फैला है जो करीब 15 फीट गहरा है. ऐसे में एनजीटी तुंरत इस अवैध निर्माण को हटाने व कूड़ा उठाने का आदेश जारी करे.

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