गाजीपुर लैंडफिल साइट को लेकर NGT ने अहम आदेश दिया है. NGT ने ईस्ट एमसीडी को आदेश दिया है कि बिना सेग्रीगेशन के गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कूड़ा नहीं फेंका जायेगा यानी अब पहले की तरह सभी तरफ के कूड़े को एक ही साथ एक ही जगह नहीं डाला जा सकेगा. इसका मतलब एमसीडी को सूखे और गीले कूड़े को अलग-अलग जगह डालना होगा और उसमें भी सब कैटेगरी होगी.
इसके अलावा NGT ने निर्देश दिया कि ईस्ट एमसीडी पहले से ही गाजीपुर लैंडफिल साइट पर पड़े कूड़े को भी सेग्रीगेट करेगी. उसके बाद एनएचएआई राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने के लिए उस कूड़े का इस्तेमाल करेगी. इस कूड़े का इस्तेमाल निजामुद्दीन से मेरठ जाने के लिए बनने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए किया जाएगा. इस तरह कूड़े का इस्तेमाल करीब दो किलोमीटर के इलाके की सड़क को बनाने के लिए किया जाएगा.
केंद्र सरकार इस काम मे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की मदद के लिए अतिरिक्त 50 करोड रुपये देगी. ये एक तरीके का इंसेंटिव कहा जा सकता है, क्योंकि इससे जहां एक ओर दिल्ली मे कूड़े के पहाड़ों को कम किया जा सकेगा, तो दूसरी तरफ इसका इस्तेमाल सड़क निर्माण में करके निर्माण की लागत को भी कम किया जा सकेगा.
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान एनएचएआई ने अपना पक्ष रखते हुए एनजीटी को बताया कि उन्होंने गाजीपुर से कूड़े को उठाकर सड़क बनाने के काम मे लेना शुरू कर दिया है. एनजीटी ने इस मामले में ईस्ट एमसीडी और एनएचएआई को कंप्लायंस रिपोर्ट देने को कहा है. अब मामले की अगली सुनवाई पांच अक्टूबर को होगी, जिसमें दोनों को ये बताना होगा कि उन्होंने दो हफ्ते के दौरान एनजीटी के आदेशों का कितना और कैसे पालन किया.