गंगा नदी की सफाई से जुड़े मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तराखंड सरकार को नई कंप्लायंस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.
एनजीटी ने उत्तराखंड सरकार से पूछा है कि गोमुख से हरिद्वार तक गंगा की सफाई के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं. साथ ही जो कदम उठाए गए हैं उनसे अब तक गंगा के प्रदूषण में कितनी कमी आई है.
एनजीटी ने उत्तराखंड सरकार से एक हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है. दरअसल, एनजीटी ने गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए गोमुख से हरिद्वार और उन्नाव के बीच गंगा नदी के तट से 100 मीटर के दायरे को गैर निर्माण जोन घोषित किया था. साथ ही नदी तट से 500 मीटर के दायरे में कचरा डालने पर रोक लगाने जैसे कई अहम निर्देश भी जारी किए थे.
एनजीटी के निर्देशों के बावजूद भी कोर्ट के आदशों का सख्ती से पालन नहीं हुआ है. नतीजा ये है कि गंगा के प्रदूषण में अब तक कोई कमी नहीं देखी गई है. सरकार और एजेंसियों के इस रवैये से एनजीटी बेहद नाराज है. लिहाजा एनजीटी ने एक हफ्ते का समय देकर मामले की सुनवाई 13 मार्च तक के लिए टाल दी है.