श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के यमुना नदी के किनारे होने वाले कार्यक्रम को रद्द करने वाली याचिकाओं पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में मंगलवार की सुनवाई पूरी हुई. बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी. आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के 35 साल पूरे होने के मौके पर यमुना के किनारे तीन दिनों के लिए 'विश्व संस्कृति महोत्सव' आयोजित किया जा रहा है. यह आयोजन 11 से 13 मार्च तक किया जाएगा.
We want Yamuna to be clean. We will not pollute the environment. We haven't cut a single tree: Sri Sri Ravi shankar pic.twitter.com/nqTTKuhGwJ
— ANI (@ANI_news) March 8, 2016
एनजीटी के स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई कर रही है. सुनवाई के दौरान दिल्ली विकास प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार महोत्सव के लिए अनुमति देने के संबंध में अपनी दलीलें रखेंगे. डीडीए ने तीन मार्च को कहा था कि उसने आयोजन के लिए सशर्त मंजूरी दी है और कार्यक्रम के स्तर को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं है. डीडीए ने इस बात से भी इनकार कर दिया था उसने नदी के किनारे कारों की पार्किंग के लिए 3.5 हेक्टेयर जमीन दी है. इससे पहले एनजीटी ने जलग्रहण क्षेत्र में महोत्सव के लिए चल रहे निर्माण कार्य को रोकने की एक और याचिका पर दिल्ली सरकार, डीडीए और आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन को नोटिस जारी किए थे.
आयोजन से नुकसान के लिए शिकायत
पर्यावरणविदों ने शुरुआत में ही समारोह को लेकर नियमों के उल्लंघन और यमुना कछार को होने वाली दिक्कतों पर सवाल उठाया था. इस विवाद के बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण ने श्री श्री रविशंकर को समारोह की इजाजत देने से मना करने की बात कहते हुए आयोजकों से तैयारी रोकने के लिए कहा. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को डीडीए ने कहा कि उसे समारोह के इतने बड़े पैमाने पर किए जाने की जानकारी नहीं थी.