दिल्ली हाई कोर्ट ने रैन बसेरों में रहने वाले उन लोगों को फटकार लगाई है जिन्होंने उसे अपना स्थायी घर बना लिया है. अदालत ने शुक्रवार को कहा कि ये बसेरा बेघर गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए हैं और स्वस्थ लोगों के लिए नहीं हैं.
न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कहा, 'यह रैन बसेरा है. हमने इसे स्थायी निवास स्थान नहीं बनाया है. यह कैसे संभव है कि दिल्ली में जो भी आएगा उसे स्थायी आवास दिया जाए. आप इसपर वर्चस्व नहीं स्थापित कर सकते हैं. कैसे आप इसपर स्थायी तौर पर कब्जा कर सकते हैं. यह घर बेघर गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए है.'
पीठ ने कहा, 'दिल्ली में हजारों बेघर लोग हैं. रैन बसेरा सिर्फ जरूरतमंदों के लिए हैं. यह स्थायी घर नहीं है. एकबार आपकी जरूरत समाप्त हो जाती है तो आपको उसे छोड़ देना चाहिए और अन्य जरूरतमंदों को इसका इस्तेमाल करने देना चाहिए.'