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निर्भया केस: SC में दोषी पवन की याचिका खारिज, कहा-दलील में कुछ भी नया नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 10 जनवरी 2013 को ही निचली अदालत ने ये दावा खारिज कर दिया था कि घटना के वक्त पवन नाबालिग था. इस पर वकील एपी सिंह ने कहा कि उस समय पवन के पास कोई वकील नहीं था.

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निर्भया गैंगरेप केस में दोषी पवन
निर्भया गैंगरेप केस में दोषी पवन

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  • SC ने माना- घटना के वक्त बालिग था पवन

  • जबकि पवन ने खुद को नाबालिग बताया था

निर्भया गैंगरेप केस में दोषी पवन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. पवन के वकील एपी सिंह ने कोर्ट में गायत्री बाल संस्कारशाला के स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट का हवाला दिया. एपी सिंह ने कहा कि पुलिस ने जानबूझकर पवन की उम्र संबंधी जानकारी साजिश के तहत छिपाई थी. इस पर सर्वोच्च अदालत ने कहा कि याचिका और दलीलों में कुछ भी नया नहीं है और उसने याचिका खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि घटना के वक्त पवन बालिग था.

सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत सवाल किया तो एपी सिंह ने कहा कि वो तो जब मुकदमे में जरूरत पड़ी तब स्कूल से मंगाया गया. इस पर कोर्ट ने कहा कि जब रिव्यू पर सुनवाई हो रही थी तो उस याचिका में ये सब क्यों नहीं बताया? आप हर बार एक दस्तावेज लेकर हाजिर नहीं हो सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि ये ही दलीलें और दस्तावेज मजिस्ट्रेट कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू तक में दिखा चुके हैं. हर जगह ये सब खारिज हो चुके हैं.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 10 जनवरी 2013 को ही निचली अदालत ने ये दावा खारिज कर दिया था कि घटना के वक्त पवन नाबालिग था. इस पर वकील एपी सिंह ने कहा कि उस समय पवन के पास कोई वकील नहीं था. उस समय मीडिया और भावनात्मक प्रेशर था. कोर्ट ने कहा कि आप केवल मुद्दे पर बहस करें. इधर-उधर की बातें ना करें.

इस पर दोषी पवन के वकील एपी सिंह ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने बड़ी जल्दी दिखाई. हमारी पूरी बात सुने बगैर, हमारे जवाब पर निगाह डाले बगैर, सबूतों और दस्तावेजों की तस्दीक किए बगैर कोर्ट ने उसी दिन याचिका खारिज कर दी थी. ये न्याय का मखौल उड़ाना है. ये सब मीडिया ट्रायल, पब्लिक प्रैशर और पब्लिक सेंटीमेंटस के दबाव के चलते हुआ.

वकील एपी सिंह ने कहा कि पवन को फेयर ट्रायल नहीं मिला. ये न्याय का मिसकैरेज है. दस्तावेजों के मुताबिक, पवन अपराध के समय 17 साल 1 महीने 27 दिन का था. एपी सिंह ने अपनी दलीलों के समर्थन में कोर्ट के कई पुराने फैसले की मिसाल रखी. निर्भया के दोषी पवन की तरफ से बहस पूरी हो गई है.

इसके बाद दिल्ली पुलिस की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बहस की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि किसी भी नजरिए से पवन नाबालिग नहीं है. 10.01.2013 को आए कोर्ट आदेश के मुताबिक भी पवन की आयु तस्दीक सर्टिफिकेट के साथ जन्म प्रमाण पत्र भी उसको बालिग ही साबित करता है. शुरू में तो बचाव पक्ष ने तब के अभियुक्त और मौजूदा दोषी पवन कुमार गुप्ता को 16 साल का ही बताया था. विनय और पवन दोनों ने ही तब खुद के नाबालिग होने का दावा किया था.

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