निर्भया के गुनहगार पवन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पवन कुमार की क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दोषी अक्षय और पवन की तरफ से लगाई गई याचिका को पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दिया.
इस बीच दोषी पवन के वकील एपी सिंह एक बार फिर पटियाला हाउस कोर्ट पहुंच गए हैं और उनका कहना है कि डेथ वारंट पर रोक लगनी चाहिए, क्योंकि पवन ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई है. राष्ट्रपति के पास याचिका लंबित है, इसलिए कोर्ट ने यह फैसला किया है. कोर्ट के आदेश पर निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा है कि निर्भया के दोषियों को जो फांसी 3 मार्च को सुबह 6 बजे होने वाली थी, वह अब नहीं होगी.
इससे पहले कोर्ट को तिहाड़ जेल प्रशासन ने यह सूचना दी थी कि पवन गुप्ता ने राष्ट्रपति के पास याचिका भेज दी है. डीजी ने जेल ने कोर्ट से कहा है कि पवन जल्लाद ने दोषियों की लटकाने की डमी प्रैक्टिस कर ली है. वह मंगलवार सुबह दोषियों को लटकाने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
इस वजह से रद्द हुआ डेथ वारंट
कोर्ट ने कहा कि पीड़ित पक्ष के साथ खड़े होने के बाद भी, हमारा विचार है कि सजायाफ्ता मजुरिम को मौत के वक्त यह एहसास नहीं होना चाहिए कि देश की अदालतों ने सही ढंग से काम नहीं किया और उन्हें उनके न्यायिक अधिकारों का इस्तेमाल करने नहीं दिया गया. राष्ट्रपति के पास दोषी की दया याचिका लंबित है, इसलिए 2 मार्च 2020 को सुबह 6 बजे दोषियों को होने वाली फांसी अगले आदेश तक रोकी जा रही है. कोर्ट के आदेश की कॉपी दोषियों को अनिवार्य सूचना के तौर पर दे दी गई है.
कोर्ट का आदेश
'हमारा सिस्टम अपराधियों को करता है सपोर्ट'
निर्भया की मां आशा देवी ने कोर्ट के फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई है. निर्भया की मां ने कहा है कि कोर्ट क्यों अपने ही फैसले को लागू करने में इतना वक्त ले रहा है. दोषियों को फांसी क्यों नहीं हो रही है. दोषियों की फांसी तीसरी बार भी टाल दी गई है. दोषियों को होने वाली फांसी का लगातार टलना हमारे सिस्टम की विफलता है. हमारा पूरा सिस्टम अपराधियों को सपोर्ट करता है. मुजरिम नहीं चाहते कि उनकी फांसी हो.
क्या बोले निर्भया के पिता?
कोर्ट के इस फैसले पर निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा है कि जेल प्रशासन की कुछ खामियां थीं, जिसके तहत फांसी टली है. इसमें किसी का कोई दोष नहीं है, यह प्रक्रिया का हिस्सा है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नहीं थे, उनके आने के बाद दोषी की याचिका वहां गई है. यह प्रोसीजर होना ही था. उम्मीद है कि अगली डेट जो होगी वह फाइनल डेट होगी. दोषियों को फांसी होकर रहेगी.
दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित
सूत्रों के मुताबिक पवन गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति के पास सभी जरूरी टेबलों से खारिज किए जाने की सिफारिशों के साथ राष्ट्रपति सचिवालय पहुंची है. दिल्ली के उपराज्यपाल ने गृह मंत्रालय से सिफारिश की है दया याचिका खारिज होनी चाहिए.
गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से अपील की है कि राष्ट्रपति दया याचिका खारिज करें. राष्ट्रपति छत्तीसगढ़ के दौरे से वापस राष्ट्रपति भवन पहुंच चुके हैं. अब राष्ट्रपति के फैसले का इंतजार है. लेकिन फिलहाल निर्भया के दोषियों के खिलाफ जारी डेथ वारंट पर रोक लग गई है.
Nirbhaya Case: Delhi's Patiala House Court reserved the order on convict Pawan Gupta's plea which sought a stay on the execution as his mercy petition is pending before the President of India
— ANI (@ANI) March 2, 2020
याचिका खारिज करने की मांग
पटियाला हाऊस कोर्ट के जज ने पूछा कि किस नियम में लिखा है कि आप क्यूरेटिव पिटीशन से पहले दया याचिका नहीं दायर कर सकते हैं. इसका जवाब देते हुए दोषी के वकील पवन के वकील एपी सिंह जेल मेन्युअल पढ़ा. निर्भया के माता- पिता के वकील ने कहा कि दोषी पवन की अर्जी खारिज होनी चाहिए. वहीं, सरकारी वकील ने कहा कि पवन की याचिका अपरिपक्व है, इसलिए खारिज होनी चाहिए.
2012 Delhi gangrape case: Advocate AP Singh has informed Delhi's Patiala House Court that death row convict Pawan's mercy petition has been filed before the President. https://t.co/TzPkDdfzvi
— ANI (@ANI) March 2, 2020
पवन ने दाखिल की दया याचिका
पवन कुमार ही एक मात्र दोषी है, जिसके पास कुछ कानूनी विकल्प बचा था. इसमें क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया. अब केवल दया याचिका का ऑप्शन बचा है. पवन के वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि हमने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर कर दी है.
2012 Delhi gangrape case: One of the convict Pawan's curative petition has been dismissed by the Supreme Court. The petition had sought commutation of his death penalty to life imprisonment. pic.twitter.com/2KhruqyxVb
— ANI (@ANI) March 2, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
सुप्रीम कोर्ट में दोषी पवन ने याचिका दाखिल की थी. सोमवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस एन. वी. रमन्ना की अगुवाई में जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस नरीमन, जस्टिस भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच चैंबर में की. बेंच ने पवन की याचिका को खारिज कर दिया. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट निर्भया के तीन दोषियों यानी अक्षय, विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर चुका है.
दिल्ली कोर्ट में दोषी अक्षय सिंह द्वारा डेथ वारंट पर रोक की याचिका की सुनवाई पर 2012दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की मां आशा देवी:मैं 7साल 3महीने से संघर्ष कर रही हूं।वो कहते हैं हमें माफ कर दो। कोई कहता है कि मेरे पति,बच्चे की क्या गलती है।मैं कहती हूं कि मेरी बच्ची की क्या गलती थी? pic.twitter.com/OMFVVVIhMf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 2, 2020
7 साल 3 महीने से इंसाफ का इंतजार
सुनवाई से पहले निर्भया की मां ने कहा कि मैं 7 साल 3 महीने से संघर्ष कर रही हूं।वो कहते हैं हमें माफ कर दो। कोई कहता है कि मेरे पति,बच्चे की क्या गलती है।मैं कहती हूं कि मेरी बच्ची की क्या गलती थी?
फैसले में गलतियों की दलील
निर्भया के दोषी पवन कुमार के वकील एपी सिंह ने कहा कि अपराध के समय वह किशोर था और मौत की सजा उसे नहीं दी जानी चाहिए. पहले के फैसलों में कई गलतियां रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि इन गलतियों को इस क्यूरेटिव याचिका के माध्यम से संशोधित किया जाएगा.
2012 Delhi gang-rape case: Supreme Court will today hear the curative petition filed by one of the death row convicts, Pawan Kumar Gupta, seeking commutation of his death penalty to life imprisonment. pic.twitter.com/21dMzK39qA
— ANI (@ANI) March 2, 2020
3 मार्च को सुबह 6 बजे होने वाली थी फांसी
निर्भया के दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया गया था. इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने दो बार डेथ वारंट जारी किया था, लेकिन कानूनी अड़चनों के कारण दोनों बार डेथ वारंट कैंसिल कर दिया गया है. तीसरे डेथ वारंट के अनुसार, निर्भया के चारों दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी होने वाली थी लेकिन अब फांसी कोर्ट के अगले आदेश तक नहीं होगी.