दिल्ली पुलिस निर्भया के दोषी नाबालिग की रिहाई के विरोध में प्रदर्शन करे रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई में जुट गई है. राजपथ से प्रदर्शनकारियों को हटाया गया. इसके बाद निर्भया की मां को हिरासत में लेकर उत्तरी दिल्ली के मुखर्जी नगर थाने लाया गया. पुलिस ने उनके साथ कथित तौर पर बदसलूकी की और उनके हाथ में चोट भी आई है.
Police remove protesters from Rajpath who were protesting against release of juvenile convict in Nirbhaya case. pic.twitter.com/UgR4yYSrqN
— ANI (@ANI_news) December 20, 2015
प्रदर्शनकारी नाबालिग को फांसी दिए जाने को लेकर नारेबाजी कर रहे थे, जबकि दोषी को रविवार को ही रिहा कर दिया गया. इससे पहले निर्भया के माता-पिता और अन्य लोगों को पुलिस ने इंडिया गेट या जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है. यही नहीं, ज्योति के माता-पिता से घर लौटने को भी कहा गया. पुलिस ने एहतियातन इंडिया गेट और आसपास के इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी है.
People gather at Rajpath to protest against the release of juvenile convict in Nirbhaya case. pic.twitter.com/TIFaAjbGGK
— ANI (@ANI_news) December 20, 2015
People gather at Rajpath to protest against the release of juvenile convict in Nirbhaya case. pic.twitter.com/ITap6r7Mjy
— ANI (@ANI_news) December 20, 2015
ज्योति सिंह (निर्भया) की मां ने बताया कि पुलिस ने उन्हें जंतर-मंतर पर भी नाबालिग रेपिस्ट की रिहाई के खिलाफ प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है. सभी से घर लौटने को कहा गया है. ज्योति की मां ने कहा, 'हमें प्रदर्शन करने की भी इजाजत नहीं दी जा रही है. जाहिर है यह हमारे प्रदर्शन करने या असहमति जताने के अधिकार का हनन है.' दूसरी ओर, नाबालिग दोषी आखिरकार बाहर आ ही जाएगा. उसकी रिहाई की प्रक्रिया पूरी हो गई है. फॉर्म भरा जा चुका है. अब उस पर सिर्फ एक दस्तखत होना बाकी है और सिर्फ रिहाई ही शेष है.
निर्भया की मां ने की थी अपील
निर्भया की मां ने इस रेपिस्ट की रिहाई रुकवाने के लिए इंडिया गेट पर प्रदर्शन से एक आंदोलन खड़ा करने की अपील की थी. इसके बाद जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन करने की बूात कही थी. लेकिन पुलिस ने इसकी मंजूरी नहीं दी है. शनिवार रात ही निर्भया के मां-बाप सड़कों पर उतर आए थे. खबर थी कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था. हालांकि पुलिस इससे इनकार कर रही है.
रिहाई के बाद कहां जाएगा रेपिस्ट
रिहाई के बाद इस नाबालिग रेपिस्ट की नई पहचान जाहिर नहीं की जाएगी और उसे ऑब्जर्वेशन होम में रखा जाएगा. सोमवार को ही दिल्ली महिला आयोग की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होनी है. संभवतः पुनर्वास की प्रक्रिया इस सुनवाई के बाद ही हो. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल शनिवार आधी रात को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस गोयल के घर गई थीं. इसके बाद ही अर्जी मंजूर हुई.
किरण बेदी बोलीं- अब वो आजाद है
किरण बेदी ने भी यह रिहाई रोकने का परोक्ष रूप से समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि देश को सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार है. कानून, विधायिका और कार्यपालिका नाकाम रहे. जुवेनाइल जस्टिस एक्ट अब उस पर लागू नहीं होता. अब वह आजाद है. वह अपनी खुद के 'सुरक्षा घेरे' में भी रह सकता है.
Country awaits the last word from the Supreme Court Of India on an issue which,The Law,The Legislature, & Executive failed to keep pace with
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) December 20, 2015
The convicted erstwhile juvenile is now by law free citizen to go even in HIDING for his OWN SECURITY as Juvenile Act does not apply to him
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) December 20, 2015