निर्भया गैंगरेप मामले में दोषियों को फांसी पर अलग-अलग लटकाने की मांग वाली केंद्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 20 फरवरी को सुनवाई करेगा. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया है कि कोर्ट में लंबित इस मामले से निचली अदालत की कार्रवाई बाध्य नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को कहा कि 17 फरवरी को होने वाली सुनवाई वो अपनी मेरिट के आधार पर करे. इसका मतलब है कि पटियाला हाउस कोर्ट अगर चाहे तो 17 फरवरी को नया डेथ वारंट जारी कर सकती है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषी विनय की याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक निर्भया के दोषी विनय की मानसिक हालत बिल्कुल ठीक है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि ताजा मेडिकल रिपोर्ट कहती है कि दोषी विनय की न सिर्फ शारीरिक हालत ठीक है, बल्कि मानसिक हालत भी ठीक है.
ये भी पढ़ें: What is AGR जिससे है टेलीकॉम कंपनियों के कारोबार का भट्ठा बैठ जाने का डर
दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से दया याचिका खारिज करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. उसने मानसिक हालत ठीक नहीं होने की दलील दी थी. उसने यह भी आरोप लगाया था कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने सभी दस्तावेज नहीं रखे गए थे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दोषी विनय की इन दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति के सामने सभी दस्तावेज रखे गए थे.
ये भी पढ़ें: PMC घोटाला मामला: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों से ट्रायल कोर्ट जाने को कहा