निर्भया गैंगरेप मामले के एक दोषी मुकेश ने क्यूरेटिव और दया याचिका दोबारा दायर करने की इजाजत के लिए एक याचिका दाखिल की है. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा.
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अपनी याचिका में मुकेश ने कहा है कि कोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद सात दिन के भीतर याचिका दाखिल करने के लिए मजबूर किया, जबकि लिमिटेशन एक्ट के मुताबिक समीक्षा याचिका खारिज होने के बाद तीन साल तक याचिका दाखिल करने का अधिकार होता है.
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मुकेश ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उसकी पूर्व वकील वृंदा ग्रोवर ने उस पर दबाव डाल कर क्यूरेटिव याचिका दाखिल करवाई थी. इसके साथ ही मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि उसे फिर से क्यूरेटिव याचिका और दया याचिका दाखिल करने का मौका दिया जाए.
जेल अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
वहीं निर्भया गैंगरेप मामले के दोषी पवन गुप्ता ने दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत में एक अर्जी देकर दावा किया कि उसे मंडोली जेल में बुरी तरह पीटा गया था. अर्जी में जेल के अधिकारियों सहित दो कांस्टेबल के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने की मांग की है.
इस पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने मंडोली जेल अधिकारियों को नोटिस जारी किया है. इसमें दोषी ने दो पुलिसकर्मियों पर बुरी तरह मारने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.