दिल्ली बीजेपी में उभर रहे बगावत के सुरों के बीच प्रदेश प्रभारी नितिन गडकरी ने शुक्रवार सुबह दिल्ली के बड़े नेताओं की बैठक बुलायी. मीटिंग खत्म होने के बाद विजय कुमार मल्होत्रा ने बताया कि अभी तक राज्य के मुख्यमंत्री को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है. मल्होत्रा ने बताया कि शुक्रवार शाम प्रदेश के नेता एक बार फिर मिलेंगे.
दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष विजय गोयल की लगातार आ रही शिकायतों से परेशान होकर राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने नितिन गडकरी को दिल्ली का प्रभारी नियुक्त करके अपनी परेशानी तो दूर कर ली, लेकिन अब गडकरी ने दिल्ली के तमाम नेताओं की क्लास लगाने की ठान ली. नितिन गडकरी की कोशिश है कि पार्टी का एकजुट चेहरा जनता के सामने दिखाया जाए.
विजय कुमार मल्होत्रा, विजेंद्र गुप्ता, आरती मेहरा, हर्षवर्धन, प्रवेश वर्मा, विजय जोली, विजय गोयल और विजय शर्मा इस मीटिंग में शामिल हुए. गौरतलब है कि दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष के नाते विजय गोयल भले पार्टी का प्रमुख चेहरा बनने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन उनकी कार्यशैली से खफा प्रदेश से इतनी शिकायतें आने लगी हैं कि खुद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह परेशान हो गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह के पास पिछले कुछ दिनों तक लगातार 100-150 शिकायतें आ रही थी. गोयल से नाराज स्थानीय नेता लिखित या मिलकर या फोन से अपनी शिकायतें दर्ज करा रहे थे. यही कारण रहा कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को दिल्ली का चुनाव प्रभारी बना दिया और अब दिल्ली से मिलने आने वालों को सीधे गडकरी से मिलने के लिए भेज दिया जाता है.
हालात यहां तक खराब हो चुके हैं कि राजनाथ ने अपने मातहतों को यहां तक निर्देश दे दिया है कि दिल्ली प्रदेश के किसी नेता-कार्यकर्ता का फोन आए तो बाकायदा मिलने का उद्देश्य पूछा जाए और गोयल के खिलाफ कोई शिकायत जैसी बात हो तो सीधे गडकरी से मिलने के लिए कह दिया जाए.
गोयल के खिलाफ बढ़ते असंतोष और उनकी कार्यशैली की वजह से ही पार्टी ने किसी को भी दिल्ली में बतौर मुख्यमंत्री उम्मीदवार उतारने का मन नहीं बनाया है. एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, ‘राजनाथ सिंह जी पहले ही कह चुके हैं कि दिल्ली में गोयल को बतौर सीएम प्रोजेक्ट करना तो नामुमकिन है ही, बाकी किसी और को भी फिलहाल प्रोजेक्ट करना मुमकिन नहीं है.’