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सूचना के अधिकार के तहत AAP ने 13 सवालों में से एक का भी नहीं दिया जवाब

अरविंद केजरीवाल पर अब सूचना के अधिकार की अवहेलना का भी आरोप लगा है. ये आरोप केजरीवाल के ही पूर्व सहयोगी राकेश अग्रवाल ने सबूतों के दस्तावेज के साथ लगाए हैं. राकेश अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि पिछले चार महीनों में केजरीवाल की पार्टी से 13 सवाल पूछे गए और एक का भी जवाब नहीं आया.

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अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल पर अब सूचना के अधिकार की अवहेलना का भी आरोप लगा है. ये आरोप केजरीवाल के ही पूर्व सहयोगी राकेश अग्रवाल ने सबूतों के दस्तावेज के साथ लगाए हैं. राकेश अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि पिछले चार महीनों में केजरीवाल की पार्टी से 13 सवाल पूछे गए और एक का भी जवाब नहीं आया.

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विधानसभा चुनाव तक अरविंद केजरीवाल के चहेते रहे न्यायभूमि संस्था के सर्वेसर्वा राकेश अग्रवाल ने आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार की रूपरेखा तैयार की थी. अग्रवाल ने अब केजरीवाल पर अपने सिद्धांतों से मुकरने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि कहां तो अरविंद केजरीवाल कभी सूचना के अधिकार के नायक हुआ करते थे और कहां अब उनकी ही पार्टी इस अधिकार को धत्ता बता रही है. पिछले चार महीनों में केजरीवाल से 13 सवाल पूछे गए और उनका जवाब नहीं मिला.

इन 13 सवालों में आखिर ऐसा क्या था कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी जवाब नहीं दे पाई?
पार्टी की कुल आमदनी और खर्चे को लेकर सवाल: ये पूछा गया कि देशभर से पार्टी कितना चंदा इकट्ठा कर रही है और इसे कैसे खर्च किया जा रहा है?

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मुख्यमंत्री रहते हुए जब अरविंद केजरीवाल से परिवहन सचिव के ट्रांसफर की वजह पूछी गयी तो जवाब मिला कि ट्रांसफर के कारणों के बारे में मालूम करना उनके सूचना के अधिकार के दायरे में नहीं आता. फिर पूछा गया कि चुनावों में उम्मीदवारों के चयन का क्या मापदंड पार्टी अपना रही है, इसका भी जवाब नहीं मिला.

न्यायभूमि संस्था के सचिव राकेश अग्रवाल का कहना कि आरटीआई पर आम आदमी पार्टी का ये स्टैंड अरविंद केजरीवाल की कथनी और करनी का अंतर स्पष्ट करता है. राकेश ने ये भी कहा कि आम आदमी पार्टी के 49 दिनों के सरकारी कार्यकाल में आरटीआई के तहत सवालों का जवाब न मिलना ये साबित करता है कि बतौर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कार्यकाल इस मामले में कुशल नहीं था.

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