दिल्ली के शहरी इलाकों में एक दिन में एक बार एटीएम में कैश मिलना फिर भी संभव है, लेकिन बाहरी दिल्ली के इलाकों में बैंकिंग व्यवस्था पूरी तरह ठप है. शनिवार को आज तक की टीम ने नजफगढ़ के एक दर्जन का रिएलिटी चेक किया. नजफगढ़ एक ऐसा सेंटर पॉइंट जिसके आसपास के गांव के सैकड़ों किसान रहते हैं, लेकिन एटीएम में कैश और बैंक बंद होने से लोगों की मुसीबत कई गुना बढ़ गयी है.
सुबह से लोग नजफगढ़ के अलग अलग एटीएम में जाकर कैश ढूंढ रहे हैं, लेकिन एटीएम में 'No Cash' का नोटिस चिपका हुआ है. नजफगढ़ में रहने वाले जितेंद्र प्राइवेट जॉब करते हैं और हफ्ते में 5 दिन दफ्तर में ही व्यस्त रहते हैं. शनिवार को छुट्टी थी तो रात 11 बजे से अलग अलग एटीएम के चक्कर काटते रहे. जितेंद्र का कहना है कि एटीएम में कैश नहीं होता और बैंक में लंबी कतार रहती है. जितेंद्र अब तक अपनी सैलरी, अकाउंट से नहीं निकाल पाए हैं.
दर्शन सिंह एक विकलांग है. सुबह से नजफगढ़ के कई एटीएम के चक्कर काट चुके थे, लेकिन कहीं कैश नहीं मिल पाने से नाराज हैं. दर्शन सिंह ने कई हफ्ते पहले 4000 रुपए निकाले थे जो अब खत्म हो चुके हैं और पिछले 3 दिन से एटीएम के चक्कर काट रहे हैं. दर्शन मोदी जी के नोटबंदी वाले फैसले का समर्थन कर रहे हैं लेकिन तैयारियों से नाखुश हैं.
आज तक की मुलाकात अजीत नाम के एक सीनियर सिटीजन से हुई. उन्होंने बताया कि वो नजदीक के गांव से आए हैं इस उम्मीद में की एटीएम से कैश मिलेगा तो बाजार से घर के लिए सामान खरीद सकेंगे, लेकिन कई एटीएम में चक्कर काटने के बाद उन्हें कैश नहीं मिला. 500 के पुराने नोट दिखाते हुए अजीत बता रहे हैं कि ये नोट नजफगढ़ में कहीं नहीं चलते. अजित ने 100 के नोट दिखाते हुए बता रहे हैं कि बैंक और एटीएम से कैश न मिलने की वजह से उन्हें दोस्तों से उधार लेना पड़ा.