राजधानी में इस मौसम का सबसे गर्म दिन यहां के लोगों के लिए और परेशानी भरा रहा, क्योंकि शहर के कई इलाकों में ट्रांसमिशन नेटवर्क में तकनीकी खामियों की वजह से छह घंटे तक के लंबे समय तक बिजली गुल रही.
पश्चिम दिल्ली के कई इलाकों के निवासी बिजली कटौती से सबसे ज्यादा परेशान रहे. दोपहर में पप्पनकलां इलाके में दिल्ली ट्रांस्को लिमिटेड की 220 केवी की एक ट्रांसमिशन लाइन के खराब होने से यह बिजली संकट पैदा हो गया.
बढ़ती गर्मी के चलते गुरुवार को शहर में बिजली की मांग बढ़कर 5,055 मेगावाट हो गई, जो इस साल अब तक की सर्वाधिक है. इससे पहले बुधवार को बिजली की मांग 4,955 मेगवाट दर्ज की गई थी.
कहने को तो दिल्ली देश की राजधानी है, लेकिन यहां के बाशिंदों को जरूरतभर की बिजली भी नहीं मिल पा रही है. लिहाजा, उन्हें मोमबत्तियों का सहारा लेना पड़ रहा है. दक्षिणी दिल्ली का किशनगढ़ी इलाका वसंतकुंज के बीचोंबीच है. यहां के छात्र और यहां के लोग बिजली की कटौती से खासे परेशान हैं. दिल्ली के बाकी इलाकों की तरह यहां भी बिजली की कटौती घंटों के लिए होती है.
बिजली कटौती के चलते छात्रों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. एग्जाम सर पर हैं और लाइट नहीं है. इस भीषण गर्मी में पंखों की जगह अखबार के पन्नों का सहारा होता है और पढ़ने के लिए मोमबत्ती का.
छात्र सेतू ने कहा, 'दिल्ली की रात तो अब कैंडल के भरोसे ही है. हमारा एग्जाम है, पढ़ाई नहीं हो रही है.'
छात्रा मोहिनी का कहना है कि 45-46 डिग्री तक पहुंचे तापमान में क्लास करके घर आना और लाइट कटी हो तो बहुत परेशानी होती है.
ममता देवी कामकाजी महिला हैं. उन्होंने कहा, ऑफिस से घर आती हूं तो बिजली नहीं होती. बच्चे परेशान करते हैं. मोमबत्ती की रोशनी पर खाना बनाना पड़ता है.