पिछले साल दिसंबर के आखिरी हफ्ते में डीडीए ने दिल्लीवालों को हाउसिंग योजना का उपहरा देने का ऐलान किया था, लेकिन अब डीडीए अपने वादे से मुकर गयी है. डीडीए के नए उपाध्यक्ष बलविंदर कुमार का कहना है कि इसमें फिलहाल समय लग सकता है. यानी अगर आप डीडीए की नई हाउसिंग स्कीम का सपना संजोए बैठे थे तो फिलहाल अपने सपने को एक ब्रेक दे दीजिए. ऐसे इसलिए क्योंकि डीडीए की पुरानी हाउसिंग स्कीमों का रायता ही इतना फैला हुआ है कि उसे समेटने में डीडीए के नए उपाध्यक्ष बलविंदर कुमार को खासी मशक्कत करनी पड़ेगी.
डीडीए के नए उपाध्यक्ष बलविंदर कुमार ने अपनी पहली ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली की जनता को दिए पहले ही संदेश में दिल्लीवालों का दिल तोड़ दिया. उन्होंने ना सिर्फ फिलहाल कोई हाउसिंग योजना पाइपलाइन में न होने की बात कही बल्कि ये भी कहा कि लोगों को इस योजना के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. डीडीए अभी यह भी तय नहीं कर पा रहा है कि योजना लाई भी जाए या नहीं. डीडीए उपाध्यक्ष ने कहा, ‘देखिए अभी जानकारी ली जा रही है कि कहां-कहां, कौन-कौन से फ्लैट खाली पड़े है, कई जगह फ्लैट बनकर तैयार हैं लेकिन उनका आबंटन नहीं हो पाया है...’
डीडीए के नए उपाध्यक्ष का कहना है कि प्राधिकरण की कोशिश है कि उसके जितने भी फ्लैट खाली पड़े हैं, उन्हें इस योजना में शामिल किया जाए. लेकिन अभी तक पता नहीं चल पाया है कि आखिर कितने फ्लैट कहां-कहां खाली पड़े हैं. इसलिए इंजीनियरिंग और आवास विभाग के अधिकारियों से कहा गया है कि वे पता लगाएं कि कहां-कहां कितने फ्लैट खाली पड़े हैं. वहीं ये सवाल पूछने पर कि दिल्ली सरकार डीडीए पर स्कूलों के लिए जमीन ना देने के आरोप लगा रही है, बलविंदर कुमार ने पलटवार करते हुए कहा कि ‘हमने 460 एकड़ जमीन करीब 168 स्थानों पर दिल्ली सरकार को दी है और आंकड़ों के मुताबिक उन्होंने इस पर निर्माण भी शुरू नहीं किया है, इसलिए हम चाहेंगे कि वो पहले इस पर निर्माण करें.’
15 मार्च से साल 2010 में आवासीय योजना में शामिल द्वारका और वसंतकुंज के फ्लैट मालिकों को फ्लैट मिलने लगेंगे, इसके लिए द्वारका और वसंतुकंज में डीडीए कैंप भी लगाएगी. नए उपाध्यक्ष का कहना है कि सभी निर्माण कार्यो के गुणवत्ता की समीक्षा की जाएगी और यदि जरूरत पड़ी तो सभी परियोजनाओं के लिए तीसरे पक्ष से जांच कराना अनिवार्य कर दिया जाएगा. बलविंदर कुमार ने ये भी कहा कि करीब दो महीने में दिल्ली का नया मास्टर प्लान सामने आ जाएगा, जिसमें दिल्ली की परिवहन व्यवस्था और पर्यावरण संबंधी नियमों में जरूरी बदलाव किए गए हैं.
इतना ही नहीं, राजधानी की परिवहन व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए डीडीए डीएमआरसी को 313.5 करोड़ रूपये देगी. इसके अलावा डीडीए की जमीनों पर अवैध कब्जे की रोकथाम के लिए डीडीए कंट्रोल रूम बनाएगा और सैटेलाइट के जरिए कब्जे की कार्रवाई रोकी जाएगी. यही नहीं जल्दी ही दिल्ली के लगभग 4 लाख भूमिपतियों को अपनी संपत्ति लीज होल्ड से फ्री होल्ड कराने के लिए शिविर लगाए जाएंगे. ये काम 15 मार्च से शुरू कर दिया जाएगा.
राजधानी में होटलों की बढ़ती मांग को देखते हुए डीडीए ने होटलों के निर्माण के लिए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) बढ़ा दिया है. अब 30 मीटर चौड़ी सड़क पर होटल निर्माण के लिए 325 एफएआर की मंजूरी होगी और 30 मीटर से ज्यादा चौड़ी सड़क पर 375 एफएआर दिया जाएगा. अब तक होटलों को 225 एफएआर दिया जाता था.