दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साफ किया है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा. उन्होंने आज कहा कि भ्रष्ट क्रियाकलापों में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, फिर चाहे वह शीला दीक्षित हों, बीजेपी का कोई नेता हो या फिर उनकी ही पार्टी का सदस्य हो.
कांग्रेस के आठ विधायकों के बाहरी समर्थन से दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी नेता हषर्वर्धन ने मुझसे शीला दीक्षित के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है. मैं उनसे सबूत सौंपने का अनुरोध करता हूं और फिर मैं कार्रवाई करूंगा.
उन्होंने अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले कहा कि हम भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेंगे. केजरीवाल ने कहा, 'भ्रष्टाचार से समझौता करने का कोई सवाल नहीं है. मैं इससे लड़ने के लिए अपनी पूरी जिंदगी दांव पर लगा दूंगा, फिर चाहे शीला दीक्षित हों, कोई अन्य मंत्री हो, कोई नौकरशाह हो, भाजपा या कांग्रेस सदस्य हो या फिर मेरी अपनी पार्टी का कोई सदस्य हो.
केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार राज्य सतर्कता विभाग को चुस्त दुरूस्त बना रही है, जिसे पिछली सरकार ने ‘अस्तित्वहीन’ बना दिया था. उन्होंने कहा कि 30 में से केवल 11 निरीक्षकों की तैनाती हुई है. एसीपी, डीसीपी और एसआई हर स्तर पर पद खाली हैं. विभाग को चुस्त दुरूस्त बनाने की जरूरत है और हम इस विभाग को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं और ईमानदार अधिकारियों की पहचान कर रहे हैं.
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार निरोधक विभाग या राज्य सतर्कता आयोग द्वारा उठाए गए मामलों पर गौर नहीं किया गया और इन्हें नजरअंदाज कर दिया गया. राष्ट्रमंडल घोटाले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नवंबर 2010 में मैंने राष्ट्रमंडल घोटाले पर 370 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें इन खेलों के दौरान भ्रष्ट क्रियाकलापों के सबूत मौजूद हैं. इसमें किसी का नाम नहीं है. रिपोर्ट अखबारों की खबरों पर आधारित है.
उन्होंने कहा कि वह भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतें दर्ज कराने के लिए हेल्पलाइन शुरू करने के लिए काम कर रहे हैं और इन शिकायतों पर तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे. केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनावों में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी लेकिन वह आम चुनाव नहीं लड़ेंगे.