नॉर्थ दिल्ली की मेयर प्रीति अग्रवाल ने बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने बैजल से उत्तरी दिल्ली के क्षेत्रों के प्रस्तावित परिसीमन को अधिसूचित करने संबंधी मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की मांग की.
मेयर ने उपराज्यपाल बैजल को नॉर्थ एमसीडी की वर्तमान स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि निगम की नयी सभा का गठन हूए दो महीने बीत चुके हैं. लेकिन अब तक कोई भी कार्य सुचारू रूप से प्रारंभ नहीं हो पाया है, उन्होंने कहा कि निगम के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए निगम की वैधानिक समितियों का गठन आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि क्षेत्रों की अधिसूचना के अभाव में समितियों का गठन नहीं हो पा रहा है. मेयर प्रीति अग्रवाल ने उपराज्यपाल से इस मसले पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. उन्होंने कहा कि इससे वार्डों के परिसीमन के बाद उत्पन्न हुई कुछ विसंगतियां भी दूर हो जाएंगी.
पुर्नगठित करना ज़रूरी
मेयर ने इस दौरान उपराज्यपाल को बताया कि सिविल लाइन, नरेला और रोहिणी ज़ोन में 29 और 35 वार्ड है, जहां काम करने के लिए एक डीसी और उनका सहयोगी स्टॉफ पर्याप्त नहीं है. मेयर ने बताया कि बेहतर प्रशासन के लिए दो ज़ोनों को तीन ज़ोनों में पुर्नगठित करना ज़रूरी है.
सदर पहाड़गंज ज़ोन और सिटी ज़ोन का विलय
हालांकि नए बनाए गए ज़ोन केशवपुरम का प्रस्ताव करने से पहले ये पूरा ध्यान रखा गया है कि इससे निगम को किसी भी प्रकार का वित्तीय बोझ न पड़े इसलिए सदर पहाड़गंज ज़ोन और सिटी ज़ोन के विलय की सलाह भी दी गई है ताकि बचे हुए एक ज़ोन के कर्मचारियों का उपयोग नये ज़ोन में किया जा सके.
मेयर के मुताबिक उपराज्यपाल ने सभी बातों को ध्यान से सुना, बैठक के बाद मेयर प्रीति अग्रवाल ने कहा कि ज़ोन की सीमाओं के पुर्नगठन की अधिसूचना एक हफ्ते के भीतर जारी नहीं होगी तो एमसीडी इस मामले को कोर्ट ले जाएगी
तकनीकि वजहों से अटका पुनर्गठन
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने ईस्ट और नॉर्थ एमसीडी में तो जोन पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है लेकिन नॉर्थ एमसीडी में जोन के पुनर्गठन को लेकर मामला कुछ तकनीकि वजहों से अटका पड़ा है और इसी को लेकर एमसीडी और दिल्ली सरकार एक बार फिर आमने-सामने हैं.