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MCD की मांग, सीलिंग से पहले मिले 48 घंटे की मोहलत

नॉर्थ एमसीडी में स्थायी समिति अध्यक्ष तिलकराज कटारिया ने बताया कि इस बाबत पहले भी मॉनिटरिंग कमेटी से अपील की जा चुकी है क्योंकि ऐसा करने पर व्यापारियों को उनका पक्ष रखने के लिए वक़्त मिल सकेगा.

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तिलकराज कटारिया (फाइल फोटो)
तिलकराज कटारिया (फाइल फोटो)

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कंवर्जन चार्ज जमा कराने की तिथि भले ही 30 जून तक बढ़ा दी गई है लेकिन अभी भी कई मार्केटों पर 16 जनवरी से सीलिंग की तलवार लटक रही है. इस बीच नॉर्थ एमसीडी ने मॉनिटरिंग कमेटी से अपील करते हुए सीलिंग से पहले 48 घंटों की मोहलत देने की मांग की है.

सोमवार को नॉर्थ एमसीडी में हुई स्थायी समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि मॉनिटरिंग कमेटी से अपील की जाएगी कि सीलिंग से पहले व्यापारियों को कम से कम 48 घंटे की मोहलत दी जाए. इस बात की जानकारी देते हुए नॉर्थ एमसीडी में स्थायी समिति अध्यक्ष तिलकराज कटारिया ने बताया कि इस बाबत पहले भी मॉनिटरिंग कमेटी से अपील की जा चुकी है क्योंकि ऐसा करने पर व्यापारियों को उनका पक्ष रखने के लिए वक़्त मिल सकेगा.

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वहीं दिल्ली में मॉनिटरिंग कमेटी की तरफ से सीलिंग पर मिली राहत 15 जनवरी को खत्म हो गई है. अब एक बार फिर से सीलिंग को लेकर व्यापारियों की धड़कन बढ़ गई है. माना जा रहा है कि 16 जनवरी से एक बार फिर से सीलिंग शुरू हो सकती है. सीलिंग की सबसे ज्यादा मार साउथ दिल्ली में पड़ी है. यही वजह है कि यहां के बाज़ारों में अजीब सा सन्नाटा देखने को मिल रहा है. सीलिंग के पहले चरण में जो इलाके बच गए थे उनपर भी सीलिंग कब हो जाए कहा नहीं जा सकता.

हालांकि एमसीडी कह रही है कि वो व्यापारियों के समर्थन में खड़ी है और पूरी कोशिश कर रही है कि सीलिंग ना हो . इस बीच दिल्ली की 351 सड़कों को कमर्शियल, मिक्स्ड लैंड यूज़ में नोटिफाई कराने को लेकर एमसीडी और दिल्ली सरकार में टकराव बना हुआ है. दोनों ही नोटिफिकेशन में हो रही देरी के लिए एक दूसरे को ज़िम्मेदार बता रहे हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि दिल्ली को सीलिंग से राहत कब मिलेगी.

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