बुधवार को नॉर्थ एमसीडी में स्टैंडिंग कमिटी की बैठक हुई. इस बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बीजेपी और कांग्रेसी पार्षदों ने जमकर वार किया. स्टैंडिंग कमिटी इस बात को लेकर गुस्सा थी कि बिना किसी सबूत के सोमवार को रामलीला मैदान में सफाईकर्मियों के साथ संवाद के दौरान खुले मंच से स्टैंडिंग कमिटी पर आरोप क्यों लगाए गए.
बैठक के दौरान बीजेपी पार्षद प्रवेश वाही ने बकायदा केजरीवाल की निगम के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा और झूठे आरोपों पर उनके खिलाफ मानहानी का दावा करने का प्रस्ताव भी रखा. हालांकि, उनके दावे को स्टैंडिंग कमिटी के अध्यक्ष ने फिलहाल विचार के स्तर पर ही रखा है. इसके अलावा बैठक के दौरान कमिटी के सदस्यों को बताया गया कि जिस 575 करोड़ रुपये देने का ऐलान केजरीवाल सरकार ने सोमवार को किया था, उसकी एक पाई भी 48 घंटों बाद बुधवार तक निगम को नहीं मिली है.
इस बीच बैठक को उस वक्त कुछ देर के लिए रोकना भी पड़ा, जब रोहिणी जोन के दो इंजिनियरों पर एसीबी की कार्रवाई से नाराज इंजीनियरों ने मीटिंग में जबरदस्ती घुसने की कोशिश की. बैठक को बीच में रोककर कमिटी चेयरमैन मोहन भारद्वाज, नेता विपक्ष मुकेश गोयल और कमिश्नर पीके गुप्ता इंजीनियरों के दल से मिले. दल की मांग थी कि डीएमसी एक्ट के मुताबिक एसीबी निगम कर्मियों पर सीधे कार्रवाई नहीं कर सकती. दल का कहना था कि दोनों इंजीनियर अपनी ड्यूटी ईमानदारी से कर रहे थे और बकायदा डिमोलिशन को भी अंजाम दिया था.
इंजीनियरों के दल ने मांग की कि निगम इस बारे में कोई ठोस कदम उठाए ताकि सभी बिना किसी दवाब और डर के अपनी ड्यूटी कर सके. कमिटी के चेयरमैन ने मामले में कमिश्नर पीके गुप्ता को आदेश दिया कि जब तक आरोप साबित नहीं हो जाते तब तक निगम इंजीनियरों पर कोई कार्रवाई नहीं करे और साथ ही उन्हें सस्पेंड भी नहीं किया जाए.