एमसीडी में काफी समय से काम कर रही एडिशनल कमिश्नर रेणु जगदेव ने कमिश्नर मधुप व्यास पर करोड़ों रुपये के जमीन घोटाले का आरोप लगाया है. वहीं इसे मसले को लेकर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के उप राज्यपाल और बीजेपी पर निशाना साधा है.
पार्टी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के उप राज्यपाल और बीजेपी शासित एमसीडी की मिलीभगत से यह जमीन घोटाला हुआ है. आम आदमी पार्टी ने इसे दिल्ली में अब तक का सबसे बड़ा भूमि घोटाला करार दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पांडेय ने कहा, 'आम आदमी पार्टी बीजेपी शासित निगम द्वारा किए गए भ्रष्टाचारों का खुलासा समय-समय पर करती रही है. उसी कड़ी में दिल्ली के इतिहास में हुए सबसे बड़े भूमि घोटाले के कुछ सुबूत हमारे हाथ लगे हैं.'
दिलीप पांडेय ने नॉर्थ एमसीडी की एडिशनल कमिश्नर रेनू जगदेव की चिट्ठी का हवाला. उन्होंने कहा, 'यह चिठ्ठी इस बात का सुबूत है कि किस तरह से उत्तरी नगर निगम ने खैबर-पास गांव में 95 एकड़ ज़मीन अवैध तरीके से एक बिल्डर को दे दिया. इस जमीन की अनुमानित कीमत 15,000 करोड़ रुपये है. यह साफ-साफ बीजेपी द्वारा अपने लोगों को फायदा पहुंचाने का मामला है.
दिलीप पांडेय ने कहा, 'चूंकि नगर निगम जैसे संस्थान उप-राज्यपाल के अधीन आते हैं. यह संभव ही नहीं है कि इसकी जानकारी उन्हें न हो. इस पूरे प्रकरण की जानकारी दिल्ली के उप-राज्यपाल के साथ-साथ एमसीडी कमिश्नर, अधिकारियों और बीजेपी नेताओं को भी थी. सवाल है कि बीजेपी इस भ्रष्टाचार पर चुप क्यों है?'
बता दें कि दिल्ली एमसीडी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कमिश्नर पर ही एक आला अधिकारी ने इतना बड़ा आरोप लगाया है. माना जा रहा है कि इस मसले पर राजनिवास गंभीरता दिखा सकता है. जांच के आदेश जारी कर सकता है. वैसे तो एमसीडी घोटालों के लिए बदनाम है, लेकिन इस घोटाले ने सबको हैरानी में डाल दिया है.
मेयर आदेश गुप्ता ने इस मामले पर कहा कि आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. कमेटी में चीफ विजिलेंस ऑफिसर दीपक पुरोहित, एडिशनल कमिश्नर एस के भंडारी और एडिशनल कमिश्नर युवी त्रिपाठी शामिल हैं. कमेटी एक महीने के अंदर सभी आरोपों की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी.