दिल्ली सरकार और एमसीडी के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति बन गई है और अबकी बार टकराव की वजह मोहल्ला क्लीनिक बना है. पश्चिम विहार में फुटपाथ पर खुले फीवर क्लीनिक को लेकर एमसीडी और दिल्ली सरकार के बीच एक बार फिर टकराव बढ़ सकता है.
नार्थ एमसीडी ने फुटपाथ पर फीवर क्लीनिक खोलने को अवैध बताते हुए पीडब्ल्यूडी को चिट्टी लिख फुटपाथ पर बने फीवर क्लीनिक को हटाने को कहा है. इसके पीछे एमसीडी अधिकारियों का तर्क है कि DMC एक्ट के मुताबिक पीडब्ल्यूडी 60 फीट से ज्यादा चौड़ी सड़कों की सिर्फ रख-रखाव देखेगी और उस पर किसी भी तरह के निर्माण से पहले एमसीडी ने मंजूरी लेगी. इसी आधार पर एमसीडी ने पीडब्ल्यूडी को चिट्ठी लिखी है.
2012 में एमसीडी ने 60 फीट से ज्यादा चौड़ी सड़कें पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर कर दी थी. एमसीडी की इस आपत्ति के बाद जब 'आज तक' की टीम वहां पहुंची, तो पाया कि फुटपाथ पर ढांचा बना तो है, लेकिन वो फुटपाथ पहले से ही इस्तेमाल लायक नहीं है. टीम की तहकीकात में सामने आया कि फुटपाथ पर सिर्फ मोहल्ला क्लीनिक ही नहीं बल्कि खुद एमसीडी ने भी अतिक्रमण किया हुआ है.
जिसे एमसीडी अतिक्रमण बता रही है उससे चंद कदम दूर उसी जगह पर एमसीडी का ढलाव बना हुआ है. दूसरी तरफ नार्थ एमसीडी ने इस बारे में उपराज्यपाल को चिट्ठी लिख दी है और कमिश्नर की मानें तो एलजी ने इस पर सरकार से जवाब मांगा है. एलजी को लिखी चिट्ठी की एक्सक्लूसिव कॉपी 'आज तक' के पास है.
एमसीडी ने भले ही इस मामले में उपराज्यपाल का दरवाजा खटखटाया हो, लेकिन दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने साफ कर दिया है कि इस तरह के ढांचों को फिलहाल नहीं हटाया जाएगा. अब एक तरफ एमसीडी एलजी को चिट्ठी लिख चुकी है, तो मंत्री ने ढांचों को हटाने से ही मना कर दिया है, जिससे साफ है कि आने वाले दिनों में ये टकराव और बढ़ सकता है.