दिल्ली में निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में दोषी किशोर अपराधी को 15 दिसंबर को बरी किए जाएगा और इसी के साथ सरकार उसे आतंकवाद में शामिल होने से रोकने के उपाय भी तलाश रही है. ऐसा पाया गया है कि उसे कथित रूप से एक कश्मीरी किशोर अपराधी ने कट्टरपंथ की ओर मोड़ दिया है.
जांच के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने पाया कि इस किशोर अपराधी का दिमाग पूरी तरह घुमा दिया गया है और सुधार गृह में एक अन्य कश्मीरी किशोर अपराधी द्वारा उसे जिहाद में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी.
16 दिसंबर 2012 की 'निर्भया' घटना के दोषियों में से एक किशोर को शुरुआत में दिल्ली किंग्स्वे कैंप स्थित बाल सुधार गृह में रखा गया था. बाद में उसे दो-तीन महीने बाद बिना कोई विशेष कारण बताए मजनू का टीला स्थित बाल सुधार गृह में भेज दिया गया जहां जम्मू कश्मीर का एक अन्य किशोर पहले से बंद था.
जांच से पता चला है कि हाई कोर्ट बम विस्फोट मामले में कथित रूप से शामिल कश्मीरी किशोर ने निर्भया मामले के दोषी किशोर को बरगलाना शुरू कर दिया और उसे 15 दिसंबर 2015 को सुधार गृह से रिहाई के बाद कश्मीर में जिहाद में शामिल होने के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया. समझा जाता है कि यह किशोर अपनी सजा पूरी करने के बाद उत्तर प्रदेश में अपने गांव लौटने से डर रहा है जहां से वह ताल्लुक रखता है क्योंकि उसे डर है कि उसने जिस खतरनाक अपराध को अंजाम दिया है उसके चलते उसकी जान को खतरा है.
सूत्रों ने बताया कि इस किशोर अपराधी को कश्मीरी लड़के से अलग कर उसकी काउंसलिंग पहले से ही शुरू की जा चुकी है. सूत्रों ने बताया कि उन संभावनाओं को भी तलाशा जा रहा है कि कैसे उसे चरमपंथ में शामिल होने से रोका जाए.