टमाटर के बाद अब प्याज पर महंगाई की मार पड़ती दिख रही है. दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 35 से 40 रुपये प्रति किलो है और ऐसी आशंका है कि थोक मूल्य में तेजी के चलते खुदरा कीमतों में जबर्दस्त तेजी आएगी.
दिल्ली की थोक मंडियों में प्याज 25 से 30 रुपये किलो मिल रहा है. महाराष्ट्र के लासालगांव स्थित एशिया में प्जाय के सबसे बड़े थोक बाजार में भी पिछले साल के मुकाबले प्याज पांच गुना ऊंची 24 रुपये किलो की कीमत पर पहुंच गया है. माना जा रहा है कि प्याज के बढ़े भाव की वजह सीमित सप्लाई और रमजान के महीने में उसकी बढ़ी मांग की वजह से है.
व्यापारियों और विशेषज्ञों के मुताबिक सितंबर तक प्याज की थोक कीमत मजबूत रहने के आसार हैं, क्योंकि बरसात के चलते सप्लाई पर असर पड़ रहा है और किसान भी आगे बेहतर कीमत मिलने की उम्मीद में अपने स्टॉक को रोक रहे हैं.
शीला दीक्षित ने कहा है कि प्याज के दाम बढ़ने की वजह कालाबाजारी और भारी बारिश है. उन्होंने कहा, 'हम कीमतों पर नजर रखे हुए हैं. कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ छापेमारी की जा रही है. प्याज की कीमत कुछ वक्त के लिए बढ़ी है.'