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हमले में JNU का डेटा सेंटर तबाह, अब 12 जनवरी तक होगा विंटर सेमेस्टर का रजिस्ट्रेशन

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा कि उपकरणों को ठीक करने की पूरी कोशिश की जा रही है. साथ ही रजिस्ट्रेशन प्रोसेस 12 जनवरी तक खुली रहेगी और कोई लेट फीस भी नहीं देनी होगी. प्रशासन ने कहा कि हर छात्र के रजिस्ट्रेशन के लिए यूनिवर्सिटी हर संभव प्रयास करेगी. सीआईएस डेटा सेंटर ठीक होने के बाद सभी छात्र विंटर सेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कर पाएंगे.

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जेएनयू हिंसा के बाद प्रदर्शन कर रहे छात्र (तस्वीर-PTI)
जेएनयू हिंसा के बाद प्रदर्शन कर रहे छात्र (तस्वीर-PTI)

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  • कैंपस में हिंसा के बाद CIS बुरी तरह से क्षतिग्रस्त
  • रजिस्ट्रेशन प्रोसेस 4 जनवरी से पूरी तरह है बंद
दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार को हुए हमले में कैंपस को काफी नुकसान पहुंचा है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया कि हमलावरों ने इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन सर्विस (सीआईएस) को बुरी तरह तोड़ दिया है. इस वजह से सीआईएस डाटा सेंटर की मेन पावर सप्लाई पूरी तरह बंद हो गई है. ऑप्टिकल फाइबर और पावर केबल्स को नुकसान पहुंचा है. इस वजह से विंटर सेमेस्टर 2020 की रजिस्ट्रेशन प्रोसेस 4 जनवरी से पूरी तरह बंद हो गई है. जेएनयू क्लाउड, अन्य इन्फॉर्मेशन और कम्युनिकेशन सिस्टम के अलावा इंटरनेट व वायरलेस सिस्टम भी कैंपस में काम नहीं कर रहे हैं.

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा कि उपकरणों को ठीक करने की पूरी कोशिश की जा रही है. साथ ही रजिस्ट्रेशन प्रोसेस 12 जनवरी तक खुली रहेगी और कोई लेट फीस भी नहीं देनी होगी. प्रशासन ने कहा कि हर छात्र के रजिस्ट्रेशन के लिए यूनिवर्सिटी हर संभव प्रयास करेगी . सीआईएस डेटा सेंटर ठीक होने के बाद सभी छात्र विंटर सेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कर पाएंगे.

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इससे पहले जेएनयू हमला मामले में दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा कि मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी. सभी सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. सभी 34 घायलों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है. रंधावा ने कहा, पुलिस पीसीआर कॉल मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. उन्होंने कहा, 'जॉइंट कमिश्नर की अगुआई में एक कमिटी बनाई गई है, ताकि जांच में कोई देरी न हो. हमें कुछ सुराग मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है. जल्द ही मामले को सुलझा लिया जाएगा. उन्होंने कहा, दिल्ली पुलिस शाम 7.45 बजे कैंपस के अंदर गई. इस मामले में एक एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

'हिंसा रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने नहीं की पहल'

वहीं जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि पिछले 4-5 दिनों से आरएसएस से जुड़े प्रोफेसर्स हमारे आंदोलन को तोड़ने के लिए हिंसा भड़का रहे थे. यह एक सुनियोजित हमला था. वे लोगों को बाहर निकाल-निकालकर हमला कर रहे थे.

आइशी ने कहा कि जेएनयू सिक्योरिटी और हमलावरों के बीच साठ-गांठ थी, जिसकी वजह से उन्होंने हिंसा रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. हमारी मांग है कि यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर को तुरंत हटाया जाए. बता दें कि हिंसा के बाद पुलिस ने परिसर के चारों ओर भारी बल तैनात कर दिया है और पास के बाबा गंगनाथ मार्ग को बंद कर दिया है.

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देश भर में हो रहा हमले का विरोध

जेएनयू हमले के विरोध में मुंबई, पुणे, हैदराबाद, तमिलनाडु, कोलकाता में विरोध-प्रदर्शन हुआ. मुंबई में निर्देशक अनुराग कश्यप, अनुभव सिन्हा, दीया मिर्जा, जोया अख्तर, राहुल बोस, तापसी पन्नू समेत कई फिल्मी सितारों ने कार्टर रोड पर विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया. वहीं कोलकाता स्थित जादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी जेएनयू हमले को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई. जवाब में पुलिस को भी छात्रों पर लाठीचार्ज करना पड़ा.

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