24 घंटे छात्रों के घेराव में फंसे रहने बाद जेएनयू के वीसी एम जगदीश और रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार सहित दस अफसर एडमिन बिल्डिंग से बाहर निकल पाये. वीसी ने चेतावनी दी थी क़ि अगर छात्रों ने गुरुवार को 2.30 बजे तक अगर रास्ते नहीं छोड़े तो मजबूरन उन्हें पुलिस बुलानी पड़ेगी.
वीसी ने ये भी कहा कि उन्हें बिल्डिंग के अंदर अवैध तरीके से रातभर बंधक बनाकर रखा गया और उन्हें खाने पीने के लिए कोई सामान नहीं लाने दिया गया. उन्होंने जेएनयू एसयू के इस दावे को गलत बताया कि बिल्डिंग के अंदर खाना और दवाइयां पहुचाई गईं थीं.
रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार के मुताबिक छात्रों से कई बार अपील की गई कि बीमार स्टाफ को जाने दिया जाये लेकिन उन्होंने अपील नहीं मानी. इसके बाद वीसी ने स्टूडेंट्स को सन्देश पहुंचाया क़ि 2.30 बजे अकादमिक काउंसिल की मीटिंग के लिए वीसी और दूसरे अधिकारियों को नहीं जाने दिया गया तो वो रास्ता खुलवाने के लिए पुलिस की मदद लेंगे.
2 बजे के आसपास छात्र संघ और वीसी के साथ एक बैठक हुई, जिसमें इस बात पर सहमति बन गई कि जेएनयू प्रशासन पुलिस पर नजीब की तलाश के लिए दवाब बनायेगा और छात्र गृह मंत्रालय की तरफ मार्च करेंगे.
इसके बाद छात्र संघ ने घेराव ख़त्म करने का ऐलान किया और वीसी समेत सभी लोग बिल्डिंग से बहार निकल पाये. हालांकि कुछ प्रदर्शनकारी इस फैसले के विरोध में खड़े हो गए और छात्रों के एक गुट ने छात्र संघ के खिलाफ भी खूब नारेबाज़ी की.
'कुछ लोग पढ़ाई नहीं राजनीति कर रहे हैं'
वहीं गृहराज्य मंत्री किरन रिजिजू ने वीसी और दूसरे अधिकारियों को बंधक बनाए जाने को गलत करार दिया है. रिजिजू ने कहा कि कुछ लोग पढ़ाई नहीं राजनीति कर रहे हैं. जेएनयू का माहौल खराब किया जा रहा है. पुलिस कानून के हिसाब से ही काम करेगी. अभी जेएनयू प्रशासन को अपना काम करना है.
लापता होने से पहले हुआ था झगड़ा
गौरतलब हो कि स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी का छात्र नजीब अहमद शनिवार से कथित तौर पर लापता है. उसके लापता होने से एक रात पहले कैंपस में उसका झगड़ा हुआ था. छात्र के अभिभावकों से मिली शिकायत के बाद वसंत कुंज उत्तर थाना में एक व्यक्ति के अपहरण और गलत तरीके से कैद कर रखने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई.
15 अक्टूबर को वीसी ने दी मीडिया को सूचना
विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने 15 अक्तूबर की दोपहर को अहमद के गुम होने के बाद पहली बार मीडिया को बताया कि लड़के का पता लगाने के लिए सारे कदम उठाए गए हैं और वह परिवार के संपर्क में भी हैं. कुमार ने कहा, 'लेकिन हम उसकी सुरक्षा के बारे में वाकई चिंतित हैं और पुलिस के साथ नियमित संपर्क में हैं और जो भी जरूरत है वो सूचना प्रदान कर रहे हैं. हमने नजीब अहमद से भी अपील की है कि अगर वह इसे पढ़ रहा है तो विश्वविद्यालय लौट आए. हम उसे सभी तरह की मदद का आश्वासन देते हैं.'