दिल्ली सरकार ने NGT के Odd-Even को लेकर 11 नवंबर के आदेश को modify करने के लिए याचिका लगाई है. दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि इस बार Odd-Even में महिलाओं और टू व्हीलर्स को छूट दी जाए. सरकार का तर्क है कि क्योंकि टू व्हीलर्स को भी Odd-Even के दायरे में लाया गया तो 30 से 35 लाख लोगों को ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने के लिए करीब 3500 हजार बसों की अतिरिक्त जरूरत होगी, जो फिलहाल दिल्ली सरकार के पास नहीं है.
महिलाओं की सुरक्षा को भी फिलहाल ताक पर नहीं रखा जा सकता. लिहाजा उनको भी Odd-Even में फिलहाल शामिल न किया जाए. दिल्ली सरकार ने कहा है कि फिलहाल 3 महीने प्रदूषण बढ़ा हुआ रहेगा और अगले 6 महीने में नई बसों की व्यवस्था कर ली जाएगी. यानी अगले साल नंवबर में Odd-Even में टू व्हीलर्स को शामिल किया जा सकता है.
NGT ने दिल्ली सरकार की याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए मंगलवार को सुनवाई के आदेश दिए हैं. दिल्ली सरकार को कोर्ट से कोई राहत मिलेगी या नहीं ये NGT में होने वाली सुनवाई के बाद ही साफ होगा. लेकिन इतना तय है कि अगर NGT ने महिलाओं और टू-व्हीलर को लेकर 11 नवंबर को दिए अपने आदेश को मॉडिफाई करने से इनकार कर दिया तो दिल्ली सरकार के लिए इस साल Odd-Even को लागू करना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है.
सरकार जानती है कि दिल्ली की सड़कों पर करीब 60 लाख टू व्हीलर हैं. अगर Odd-Even के दौरान यह संख्या आधी हो गई तो भी तकरीबन 35 लाख लोगों को ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने के लिए सरकार को अतिरिक्त साढ़े तीन हजार बसों की जरूरत होगी, जो फिलहाल पूरा करना सरकार के बूते से बाहर है. ऐसे में Odd-Even को लागू करने के लिए एक बार फिर दिल्ली सरकार NGT की शरण में है.
कल होने वाली सुनवाई बेहद अहम होगी, क्योंकि अगर ये सरकार के पक्ष में जाती है तो दिल्ली में Odd-Even लागू होगा और अगर कोर्ट ने मॉडिफिकेशन के लिए इनकार कर दिया तो फिर सरकार इसे लागू नहीं कर पायेगी. लेकिन फिलहाल प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए लगता है, बिना बारिश के दिल्ली में प्रदूषण कम होने के आसार ना के बराबर हैं. ऐसे में सरकार और आम लोग, दोनों को NGT कोर्ट में मंगलवार को होने वाली सुनवाई का इंतजार है.