ऑड-इवन नियम को वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, लेकिन असल में ऑड-इवन से प्रदूषण पर कोई असर नहीं पड़ा है. यह दावा है सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का.
सीबीसीबी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को बताया है कि प्रारंभिक तौर पर ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है जिसे देख कर यह कहा जा सके कि ऑड-इवन की वजह से दिल्ली में वाहनों से होने वाला प्रदूषण घटा है. सीपीसीबी ने कहा है कि PM10 और PM2.5 हवाओं में बदलाव की वजह से हुआ है.
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NGT ने दिल्ली सरकार को तलब किया
सीबीसीबी के जवाब के बाद एनजीटी ने दिल्ली सरकार से सवाल किया है कि अभी तक राजधानी की सड़कों पर 15 साल पुरानी गाड़ियां क्यों चल रही हैं? एनजीटी ने दिल्ली सरकार को तुरंत प्रभाव से इन गाड़ियों को सड़कों से हटाने के लिए कहा है ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके. सीपीसीबी अपनी विस्तृत रिपोर्ट 2 मई को एनजीटी को सौंपेगी.