दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑड-ईवन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने सीएनजी वाहनों को मिली छूट को रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया. हालांकि, हाई कोर्ट ऑड-ईवन से जुड़ी समस्याओं पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को नोटिस भी किया, लेकिन दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता सरकार के पास अपनी बात रखने के लिए आये ही नहीं बल्कि उन्होंने सीधे कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी. इसके बाद कोर्ट ने अपने आदेश को मॉडिफाई किया और याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वे दिल्ली सरकार के पास जाकर रिप्रजेंटेशन दे.
Delhi High Court directs Delhi Government to consider the PILs filed against the #OddEven scheme as a representation and deal with it as per law, before 5th November. There were bunch of PILs raising questions on the scheme including the exclusion of CNG vehicles. pic.twitter.com/iwAyhbCFm2
— ANI (@ANI) November 1, 2019
इसके साथ ही हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि आप याचिकाकर्ताओ की रिप्रजेंटेशन पर 3 दिन में काम करके 5 नवंबर तक विचार करें. हालांकि सभी याचिकाकर्ता अगर दिल्ली सरकार से संतुष्ट नहीं होते है तो वो दोबारा कोर्ट का रुख कर सकते है. इस बार ऑड-ईवन में सीएनजी वाहनों को छूट नहीं दी गयी है. लिहाजा इस मामले में भी कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सरकार के पास जाकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है
सुनवाई में याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि इसमें महिला चालकों को छूट देकर समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया गया है. दिल्ली सरकार ने 4 से 15 नवंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में ऑड-ईवन योजना को लागू करने का फैसला किया है. वकील शाश्वत भारद्वाज द्वारा दायर याचिका में कहा गया है, लिंग के आधार पर योजना में भेदभाव करना समानता के अधिकार का उल्लंघन है, इसलिए यह योजना अदालत को रद्द कर देनी चाहिए, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14 का स्पष्ट उल्लंघन है.