दिल्ली की सत्ता में आने के बाद से ही आम आदमी पार्टी सरकार और उनके मंत्रियों की अफसरों से खींचतान जगजाहिर है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अक्सर ये आरोप लगाते आए हैं कि अधिकारी सरकार के आदेश के उलट काम करते हैं या मंत्रियों का कहना नहीं मानते. ताजा मामला बेहद हैरान करने वाला है, जब सीएम और स्वास्थ्य मंत्री खुलेआम, सोशल मीडिया ट्विटर पर एक अफसर पर सवाल उठाने लगे.
केजरीवाल सरकार पर विरोधी ये आरोप लगाते हैं कि वो झगड़ा ज्यादा और काम कम करते हैं. जाहिर है मनमुटाव की एक बड़ी वजह अफसरों से तालमेल न होना हो सकती है. फिलहाल हम झगड़े की चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि अब तक बंद कमरों में होने वाली नोंक-झोंक पब्लिक में पहुंच गई है और इसे जनता के बीच लाने वाले कोई और नहीं, बल्कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन हैं.
दरअसल रविवार को ट्विटर पर किसी शख्स ने दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में एक मरीज को वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिलने से मौत की जानकारी साझा की. इसके बाद सीएम केजरीवाल ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को ट्विटर पर ही फटकार लगाते हुए लिखा कि यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा कि कोई मरीज वेंटिलेटर की सुविधा ना मिलने से मर जाए.
Satinder, this is unacceptable https://t.co/E2cT4Y2i9N
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 11, 2016
सीएम के ट्वीट के बाद स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल का दौरा करने निकले, तो उन्होंने इसकी सूचना स्वास्थ्य सचिव चंद्राकर भारती को भी दी. स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि स्वास्थ्य सचिव ने यह कह कर मेरे साथ अस्पताल जाने से मना कर दिया कि उनके पास कार नहीं है. इसके बाद जैन ने ट्विटर पर ही भारती के खिलाफ अपना गुस्सा निकाला.
There is a death in LNH due to negligence.I requested Sec health to reach Hospital with me.He refused to come saying unavailability of car.
— Satyendar Jain (@SatyendarJain) December 11, 2016
Shameful. LG has appointed the most incompetent, useless n insensitive IAS officer as health secy
— Satyendar Jain (@SatyendarJain) December 11, 2016
हैरान करने वाली बात ये रही कि एक तरफ सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ट्विटर पर आरोप लगाते रहे और इसी बीच स्वास्थ्य सचिव चंद्राकर भारती लोक नायक अस्पताल पहुंच गए. अब सवाल ये उठता है कि क्या किसी अधिकारी पर पब्लिक में सवाल उठाना सही कदम है? क्या फोन पर इन मसलों को नहीं सुलझाया जा सकता था?
'आज तक' ने जब आम आदमी पार्टी से सवाल किया तो पार्टी प्रवक्ता सौरभ भरद्वाज ने पूरे मामले में अफसरों को ही गलत ठहरा दिया और आरोप लगाते हुए कहा कि अफसर उन्हीं की बात मानते हैं, जो उनके खिलाफ कार्रवाई या उन्हें ट्रांसफर कर सकता है. आज की तारीख में ये अधिकार एलजी साहब के पास हैं. इसलिए मंत्री उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है. ये बात चपरासी से लेकर अफसर तक सभी जानते हैं. सरकार चाहकर भी कोई काम अधिकारियों से नहीं करवा पा रही है.