scorecardresearch
 

इन तीन टैक्सी कंपनियों को तीस हजारी कोर्ट ने जारी किया समन

याचिका में कहा गया है कि ये कंपनियां नियम तोड़कर अपनी टैक्सी चला रही हैं. तीस हजारी कोर्ट में लगाई गई याचिका में कहा गया है कि रेडियो टैक्सी ओला, उबर और टैक्सी फॉर श्योर तीनों किलोमीटर के हिसाब से लोगों से किराया वसूल नहीं करती हैं.

Advertisement
X
टैक्सी कंपनियों को कोर्ट ने जारी किया समन
टैक्सी कंपनियों को कोर्ट ने जारी किया समन

Advertisement

रेडियो टैक्सी 'ओला', 'उबर' और 'टैक्सी फॉर श्योर' तीनों कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों को तीस हजारी कोर्ट ने समन किया है. इन सभी अधिकारियों को तीस हजारी कोर्ट ने 11 दिसंबर को पेश होने का निर्देश दिया है. दरअसल एक एनजीओ ने तीस हजारी कोर्ट में याचिका लगाई है कि ये तीनों रेडियो टैक्सी कंपनियां नियमों का पालन नहीं कर रही हैं और सरकार व पुलिस भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है.

मनमाना सरचार्ज लेती हैं कंपनियां

याचिका में कहा गया है कि ये कंपनियां नियम तोड़कर अपनी टैक्सी चला रही हैं. तीस हजारी कोर्ट में लगाई गई याचिका में कहा गया है कि रेडियो टैक्सी ओला, उबर और टैक्सी फॉर श्योर तीनों किलोमीटर के हिसाब से लोगों से किराया वसूल नहीं करती हैं. इसके अलावा यात्रियों से मनमाना सरचार्ज भी वसूलती हैं.

Advertisement

पुलिस और सरकार ने नहीं की कार्रवाई

तीस हजारी कोर्ट से हुए समन के बाद तीनों रेडियो टैक्सी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों को अगली सुनवाई में ये बताना होगा कि आखिर क्यों उन्होंने नियमों का पालन नहीं किया है और क्यों ना उनसे 91 हजार करोड़ का हर्जाना वसूल किया जाए, जो नियम का पालन नहीं करने पर बनता है. दरअसल याचिकाकर्ता का आरोप है कि इस मामले में इन कंपनियों के खिलाफ ना तो दिल्ली सरकार को जो सख्ती करनी चाहिए थी, वो की गई और ना ही दिल्ली पुलिस ने इन्हें नियमों का पालन ना करने के लिए दंडित किया.

दिल्ली सरकार को देना है जवाब

दिल्ली हाई कोर्ट में 2 अगस्त को कोर्ट में दिल्ली सरकार को ये बताना है कि उनकी टैक्सी पॉलिसी क्या है क्योंकि अक्सर नियमों में स्पष्टता के अभाव में रेडियो टैक्सी खासतौर से उनका गलत फायदा उठा रहे होते हैं. मुमकिन है कि दिल्ली सरकार अगले एक दो दिन में टैक्सी पॉलिसी को लेकर कोर्ट में अपना रुख साफ कर सकती है.

Advertisement
Advertisement