राजधानी की तीनों एमसीडी में बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांगों को पिछले छह महीने से उनकी पेंशन अभी तक नहीं मिली हैं. इस पेंशन को लेकर बढ़-चढ़ कर दावे किए गए थे लेकिन एमसीडी के उन दावों की पोल खुल गई है.
दिल्ली नगर निगम में दाखिल एक आरटीआई में दिए गए आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक बुजुर्गों के पास उनकी पेंशन का पैसा पहुंच ही नहीं रहा है.
गौरतलब है कि इस दौरान तीनो निगमों में कमिश्नर से लेकर चौकीदार तक सबकी तनख्वाह समय पर यानी की महीने की पहली तारीख को मिल रही है, लेकिन बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांगों को पेंशन लेने के लिए इन लोगों को पार्षद के घरों के चक्कर काटने पड़ते हैं. RTI एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने बताया कि तीनों नगर निगम में गरीब, विधवा और अपाहिजों को पिछले छह महीने से एक साल तक की पेंशन नहीं दी गई है, जबकि कमिश्नर से लेकर चपरासी तक को नियमित वेतन मिल रहा है.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर मास्टर आजाद सिंह बड़े बेफिक्र अंदाज में कहते हैं कि दे तो रहे हैं न, दिल्ली सरकार का तो ये पता ही नहीं कि पेंशन कब आएगी कब नहीं.
वहीं दिल्ली सरकार का पक्ष लेते हुए मुख्यमंत्री के संसदीय सचिव चौधरी सुरेंदर कुमार ने कहा, 'पेंशन लेट होगी तो फिर क्या मदद मिलेगी उस आदमी को, दिल्ली सरकार की पेंशन कभी लेट नहीं होती. दिल्ली सरकार पैसा सीधे पेंशनधारी के खाते में जमा करती है. यह राजनीती है, घर बुलाकर परेशान करते हैं, पार्षद के घर के चक्कर लगाने पड़ते हैं.