दिल्ली चिड़ियाघर में 17 वर्षीय सफेद बाघिन 'वीना रानी' की मौत हो गई. रविवार को जब वीना ने कुछ नहीं खाया तो प्रबंधन ने इसकी रक्त की जांच कराई. जांच रिपोर्ट में रानी में हेपेटाइटिस के लक्ष्ण पाए गए. इसके बाद सोमवार की शाम वीना रानी ने दम तोड़ दिया.
प्रबंधन का कहना है कि रानी ने अपना पूरा जीवन जिया. वीना रानी के पिता का नाम लक्ष्मण और मां यमुना थी. बता दें कि चिड़ियाघर में अब तीन वयस्क सफेद बाघ- टीपू, विजय और सीता और पिछले साल पैदा हुए विजय और सीता नाम के शावक रह गए हैं.
चिड़ियाघर प्रबंधन ने बताया कि रानी ने एक दिन पहले कुछ भी नहीं खाया था. इसके बाद 24 घंटे उसे निगरानी में रखा गया था. सोमवार को रानी के रक्त की जांच कराई गई. इसमें हेपेटाइटिस के लक्षण पाए गए थे. डाक्टरों की टीम रानी पर पैनी नजर रखे हुए थी. आमतौर पर सफेद बाघ की जिंदगी 14 से 18 वर्ष की होती है, लेकिन रानी की देखभाल ठीक होने की वजह से वह 17 वर्षों तक जीवित रही. प्रबंधन का कहना है कि एक सफेद बाघ को तैयार करने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है. इसलिए यह हमारे लिए बड़ी क्षति है.
चार सालों में चार बाघों की मौत
प्रबंधन की चिंता इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि चार वर्षों में चार बाघों की मौत गुर्दे की खराबी से हुई है. तीन वर्षों में इस चिड़ियाघर में सात शेर और बाघों की मौत हो चुकी है. साल 2019 में बंगाल टाइगर रमा की किडनी से जुड़ी समस्या से मृत्यु हो गई थी. वर्ष 2020 में शेरनी अखिला, सफेद बाघिन कल्पना, निर्भया और बंगाल टाइगर बी-टू की मौत हुई थी.