रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के आंदोलन खत्म करने के सुझाव को दरकिनार करते हुए 'वन रैंक, वन पेंशन' योजना को लागू करने का सरकार पर दबाव बनाने के लिए शुरू किये गए आमरण अनशन में मंगलवार को एक और वरिष्ठ पूर्व सैनिक शामिल हुए हैं.
इस मुद्दे को लेकर आमरण अनशन पर बैठने वाले वरिष्ठ पूर्व सैनिकों की संख्या तीन हो गई है. अनशन के दूसरे दिन यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमेन (यूएफईएसएम) के मीडिया सलाहकार कर्नल अनिल कौल (सेवानिवृत) ने कहा, 'हवलदार अशोक चौहान भी वन रैंक, वन पेंशन के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. जंतर मंतर पर लोगों ने उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए समझाया लेकिन वह नहीं मान रहे हैं.' वन रैंक, वन पेंशन के मुद्दे पर आंदोलन को तेज करने के लिए जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों में से दो ने सोमवार को आमरण अनशन पर बैठने की घोषणा की थी.
यूएफईएसएम ने एक बयान में कहा कि उनकी सलाहकार परिषद ने 16 अगस्त को पर्रिकर से उनके आवास पर भेंट की थी और 'मंत्री ने 24 अगस्त तक आमरण अनशन स्थगित करने का सुझाव दिया था. दरअसल वह इस बारे में 23 अगस्त को प्रधानमंत्री से मिलने वाले हैं. वह इस जटिल समस्या का हल निकालने की कोशिश करेंगे.'
इस मुद्दे पर भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन से जुड़े लेफ्टिनेंट बलबीर सिंह (सेवानिवृत) और मेजर जनरल सतबीर सिंह ने प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव नृपेन्द्र मिश्रा से मुलाकात की. सतबीर ने कहा कि मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री कार्यालय में करीब एक घंटे तक मुलाकात चली.
उन्होंने कहा, हमने तीन चीजों की मांग की. पहली यह कि एक रैंक, एक पेंशन की परिभाषा पूर्ववत रहनी चाहिए. हमने वन रैंक, वन पेंशन लागू करने की तारीख के बारे में आश्वासन मांगा और यह भी कहा कि इसके प्रभावी होने का समय एक अप्रैल 2014 होगा, जैसा फैसला सरकार ने किया था.'
कर्नल कौल (सेवानिवृत) ने कहा कि मिश्रा ने आग्रह किया है कि जो तीन लोग आमरण अनशन पर बैठे हैं, उनसे ऐसा नहीं करने का आग्रह किया जाए. उन्होंने कहा कि हमने उन्हें बताया कि यह व्यक्तिगत फैसला है. सदस्यों को अनशन छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की जा रही है.
-इनपुट भाषा