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ऑनलाइन शॉपिंग में 10 हजार से ज्यादा कैश लेनदेन पर रोक लगाने की मांग, दिल्ली HC ने केंद्र और राज्यों को जारी किया नोटिस 

दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म से खरीदारी करते समय 10 हजार रुपये से अधिक की नकदी के लेनदेन पर रोक लगाने की मांग की गई है. बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने यह PIL दायर की है.  

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ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकारों को जारी किया नोटिस (सांकेतिक फोटो)
ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकारों को जारी किया नोटिस (सांकेतिक फोटो)

दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म से खरीदारी करते समय 10 हजार से अधिक की नगदी के लेनेदेन की लिमिट को लेकर दायर जनहित याचिका पर केंद्र और दिल्ली समेत अन्य राज्यों को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने सरकारों से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. 

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दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म से खरीदारी करते समय 10 हजार रुपये से अधिक की नकदी के लेनदेन पर रोक लगाने की मांग की गई है. बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने यह जनहित याचिका दायर की है.  

इस याचिका में मांग की गई है कि एयर टिकट, रेल टिकट, बिजली बिल, गैस बिल, नगरपालिका और दूसरी तरह के बिल जमा करते समय भी दस हजार रुपये से ऊपर के नकदी के लेनदेन पर रोक लगाई जाए. याचिका में कहा गया है कि इस तरह के कदम उठाने से भ्रष्टाचार, काला धन, मनी लॉन्ड्रिंग, बेनामी लेनदेन और आय से अधिक संपत्ति के संग्रह पर लगाम लगेगी.  

50 हजार से ज्यादा की संपत्ति आधार से लिंक करने की मांग  

इसके साथ ही इस पीआईएल में कहा गया है कि काला धन और बेनामी लेनदेन का बराबरी, न्याय, स्वतंत्रता, भाईचारा, व्यक्तिगत गरिमा, देश की एकता और अखंडता और संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों पर गहरा असर पड़ता है. याचिका में मांग की गई है कि 100 रुपये से ज्यादा के नोट को बंद कर दिया जाए और 50 हजार रुपये से ज्यादा की संपत्ति को आधार कार्ड से लिंक किया जाए.   

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एक अगस्त को होगी अगली सुनवाई 

इस याचिका की मांगों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली समेत दूसरे राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस मामले में अब अगली सुनवाई एक अगस्त को होगी.  

 

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