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आज तक का 440 वोल्ट का स्टिंग ऑपरेशन, दिल्ली के बडे नेता और कई अफसर हुए बेनकाब

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जैसे ही राजधानी में बिजली के दाम आधा करने का ऐलान किया, वैसे ही देश की राजनीति को 440 वोल्ट का झटका लग गया. जोर का झटका केजरीवाल सरकार को समर्थन देने वाली कांग्रेस को भी लगा और उन बिजली कंपनियों को भी, जो केजरीवाल के आम आदमी को बिजली सप्लाई करती हैं.

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ऑपरेशन 440 वोल्ट
ऑपरेशन 440 वोल्ट

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जैसे ही राजधानी में बिजली के दाम आधा करने का ऐलान किया, वैसे ही देश की राजनीति को 440 वोल्ट का झटका लग गया. जोर का झटका केजरीवाल सरकार को समर्थन देने वाली कांग्रेस को भी लगा और उन बिजली कंपनियों को भी, जो केजरीवाल के आम आदमी को बिजली सप्लाई करती हैं.

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केजरीवाल का असर मुंबई में भी देखने को मिला. ये केजरीवाल का असर ही तो है कि सोमवार को मुंबई की सड़कों पर कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता भी बिजली के दाम घटाने को लेकर आम आदमी बन गए. प्रदर्शनका‍रियों ने बिजली कंपनी के मालिकों को चोर तक कहा.

दिल्‍ली में चुनाव से पहले और बाद में भी ये सवाल जीवंत हैं कि...
- क्या दिल्ली में बिजली कंपनियां बड़े पैमाने पर धांधली कर रही हैं.
- क्या बिजली के मीटर तेज भाग रहे हैं.
- क्या बिजली के बिलों में भी गड़बड़ी हो रही है.
- क्या केजरीवाल सचमुच में बिजली आधे दाम पर देंगे.
- क्या केजरीवाल गड़बड़ी करने वालों को जेल पहुंचा पाएंगे.

देश की राजनीति में उबाल लाने वाले इन सवालों को लेकर आज तक ने पिछले कुछ दिनों में एक बड़ा स्टिंग ऑपरेशन किया. बिजली की सियासत पर हुए इस सबसे बड़े स्टिंग ऑपरेशन पर आज तक ने बिजली कंपनियों के बड़े-बडे अफसरों के दिल की बात खुफिया कैमरे पर रिकॉर्ड की. इस सनसनीखेज स्टिंग ऑपरेशन में दिल्ली को बिजली सप्लाई करने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियों के बडे़-बड़े अफसरों के बड़े खुलासे किए हैं.

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बीएसईएस राजधानी के वाइस प्रेसिंडेट (ऑपरेसंस) अजय कुमार कहते हैं ऑडिट करो, गांधी में भी चार-पांच निकल आएगा. वहीं इसी कंपनी के सलाहकार आर.सी. नटराजन के अनुसार इस ऑडिट से कुछ नहीं निकलेगा.

ये सच है कि अरविंद केजरीवाल ने देश की सियासत बदलने की कोशिश में जब दिल्ली की सड़कों पर घर-घर जाकर आम आदमी के मीटर जोड़ने शुरू किये, तो उस वक्त ये तय हो गया था कि अगर केजरीवाल की सरकार बनी तो पहला झटका 440 वोल्ट का ही लगेगा.

बिजली की सियासत पर आज तक के स्टिंग ऑपरेशन ‘ऑपरेशन 440 वोल्‍ट’ में दिल्‍ली में केजरीवाल की सरकार को सहारा दे रहे कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली भी हैं. लवली एक झटके से केजरीवाल की सरकार को गिराने की ताकत रखते हैं. लवली की वजह से ही अरविंद मुख्यमंत्री हैं. लवली की वजह से ही आम आदमी को आधे दाम पर बिजली मिल रही है. लवली ही नहीं, कांग्रेस के एक और कद्दावर नेता और दिल्‍ली के पूर्व बिजली मंत्री हारून युसूफ भी खुफिया कैमरे में बोलते हुए दिखे हैं.

विधानसभा में दोनों हाथों से केजरीवाल का समर्थन करने वाले अरविंदर सिंह लवली ऊपर से भले ही मेहरबान दिखें, लेकिन उनके मन के भीतर सियासत चल रही है. केजरीवाल ने जब आम आदमी को लुभाने के लिए बिजली के दाम आधे करने का ऐलान किया तो शायद भीतर से लवली को 440 वोल्ट का झटका लगा होगा.

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केजरीवाल की सरकार चलाने वाले लवली का कहना था कि आम आदमी को सब्सिडी तो कांग्रेस भी देना चाहती थी, लेकिन दिल्ली सरकार की तिजोरी में पैसे ही नहीं थे. उन्होंने कहा कि पैसे नहीं हैं तो फिर केजरीवाल कहां से पैसा लेकर आएंगे. अभी विधानसभा के अंदर कोई भी सेशन नहीं हुआ है. अब ये कह रहे हैं हम एडजस्टमेंट कर देंगे. अगर करते हैं तो ये पूरी तरह से अवैध है. इसमें अधिकारियों की जिम्‍मेदारी तय हो जाएगी.

खुफिया कैमरे पर कांग्रेस के दिग्गज नेता अरविंदर सिंह लवली खुलते गए. वे यहां तक कह गए कि आम आदमी के लिए जिस स्कीम का उन्होंने ऐलान किया है, वो या तो सरकारी हिसाब-किताब की गड़बडी है या फिर केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं. उन्‍होंने केजरीवाल पर बिजली के मामले में झूठ बोलने का इल्‍जाम लगाया.

लवली अब पूरी तरह से खुलकर बोल रहे थे और बोलते ही बोलते उन्होंने ये भी खुलासा किया कि केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का मुकदमा भी दर्ज हो सकता है. हम ये नहीं एक्सपेक्ट कर रहे हैं कि एक महीने में ये ठीक कर देंगे. हम इन्हें अच्छा टाइम देना चाहते हैं. लवली ने तो बिजली गड़बड़ी में केजरीवाल के खिलाफ पीआईएल तक डलवाने की बात कही.

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दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार कांग्रेस के समर्थन से चल रही है. लेकिन बिजली बिल की गड़बड़ियों को लेकर आप के सख्त रुख के बाद सवाल है कि कांग्रेस क्या करेगी. आज तक के स्टिंग ऑपरेशन 440 वोल्ट में कांग्रेस नेता अरविंद सिंह लवली ने दावा किया कि कंपनियों के ऑडिट का आदेश तो उनकी सरकार ने ही दिया था. और हां, अगर केजरीवाल को लगता है कि गड़बड़ी हुई तो सीबीआई जांच करा लें. सदन के भीतर अरविंद केजरीवाल की सरकार को समर्थन और सदन के बाहर अरविंद केजरीवाल पर मुकदमे की बात. कहीं ना कहीं आम आदमी की बढ़ती लोकप्रियता और दिल्ली के घर-घर में आप का बढ़ता दबदबा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली को परेशान कर रहा है.

आधे दाम पर बिजली के मामले में जब हमने लवली से पूछा कि बिजली कंपनियां गड़बड़ कर रही हैं और बहुत से घरों में जो मीटर लग रहे हैं वो तेज चल रहे हैं, तो लवली ने तपाक से जवाब दिया कि मीटर का मामला उनकी ही सरकार ने उठाया था.

आजतकः सर, एक बात और समझना चाह रहा हूं कि जो मीटर तेज चलते हैं, इसकी जांच के आदेश मैंने जो एक स्टेटमेंट में पढ़ा है...आप डीसी ऑफिस में जाकर कंप्लेन कर सकते हैं.

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लवलीः ये हमारी सरकार ने कर रखा है ऑर्डर. पहले भी यही है और अब भी. लेकिन ये है मीडिया. आप लोगों को फुर्सत नहीं हमारे ऑर्डर को दिखाने की. इसके (केजरीवाल के) ऑर्डर दिखाने की आपको फुर्सत है. सिर्फ इतना फर्क है. और कोई फर्क नहीं है. सीएजी ऑडिट किसने ऑर्डर किया था...हमारी सरकार ने किया. हारून जी पावर मिनिस्टर थे गवर्नमेंट में हमारी, उन्होंने किया. उसकी खबर आप उस वक्त नहीं दिखा रहे थे. अब दिखा रहे हैं.

जाहिर है कि आम आदमी पार्टी और केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता से कांग्रेस के दोनों दिग्गज नेता लवली और हारून यूसुफ परेशान दिखे. तभी हमने लवली से पूछा कि आम आदमी पार्टी उन पर बिजली मामले में सीबीआई की जांच करा सकती है.

आजतकः एक सवाल और चाहूंगा सर आपसे...चीजें आपको यहां से कहां जाती हुई नजर आ रही हैं. CAG ऑडिट आपको लगता है कि बहाना है. सरकार के सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि शायद ये आप लोगों के पीछे या आप लोगों को सीबीआई इंक्वायरी के दायरे में लाने की बात कर रहे हैं. अगर CAG ऑ़डिट में गड़बडी निकलती है तो जो लोग मान कर चल रहे हैं कि हो सकता है कि गड़बडी हो... और सीबीआई से इसकी जांच कराई जाय...

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लवलीः करें...बिल्कुल जांच कराई जाए...मतलब आपको क्या लग रहा है कि कंपनी में हम डायरेक्टर हैं क्या...

लवली सीबीआई की बात सुनकर झुंझला गए थे और शायद इसीलिए उनका कहने का मतलब था कि वो क्या बिजली कंपनी के डायरेक्टर है जो उन्हें फंसा दिया जाएगा. जरा एक बार फिर सुनिए लवली का जवाब.

लवलीः करें...बिल्कुल जांच कराई जाए...मतलब आपको क्या लग रहा है कि (बिजली) कंपनी में हम डायरेक्टर हैं क्या...ये एक बात बताइए कि ये एक RTI एक्टिविस्ट है. आपको क्या लगता है कि इतने टाइम से इन्होंने (केजरीवाल ने) RTI में गवर्नमेंट की कोई फाइल मंगाई नहीं होगी, जो फाइल आज देख रहे हैं...वो RTI में भी देख चुके हैं, जो फाइल ये मुख्यमंत्री बनके देखेंगे. अब तो right to information का जमाना है...वो फाइल तो उन्होंने RTI में भी देख ली होगी.

आजतकः जो गवर्नमेंट के सूत्रों का मानना है कि सीबीआई में भी जाने की तैयारी है...

लवलीः तो जाएं ना..किसने मना किया है...We will welcome that enquiry...इन्होंने जो चिट्ठी लिखी है, उसमें सब लिखा था. इंक्वायरी वाली बात हमने वो agree करके ही समर्थन दिया है...इसलिए समर्थन दिया है कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.

'चाहें तो सीबीआई जांच करा लें मुख्यमंत्री'
लवली खुलकर बोल रहे थे, तो हमने सोचा कि लवली के साथ ही क्यों नहीं दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस के नेता और पूर्व बिजली मंत्री हारून युसूफ के दिल का भी हाल जान लिया जाए. आजतकः आपकी ब्यूरोक्रेसी क्या बताती है (सरकार के बारे में)...

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हारून युसूफः अब ब्यूरोक्रेसी की क्या बात करें...अब जो झेल रहे हैं, वो झेल ही रहे हैं... But we could see them what they are passing to...लेकिन सवाल इस बात का है कि हर चीज को कहके मुकर जाना...अभी (केजरीवाल) कोई बात कह रहे हैं और अगले मिनट उसे चेंज कर रहे हैं...

'अपनी बात से ही बार-बार बदल जाते हैं केजरीवाल'
कांग्रेस सरकार में बिजली मंत्री रहे हारून युसूफ का कहना है कि अरविंद केजरीवाल का काम करने का तरीका सही नहीं है. मंत्री वो काम कर रहे हैं जो मंत्री का काम नहीं है.

आजतकः सर, बिजली की सहयोगी कंपनियां...They are selling power on cheap rate...ये issue क्या है...आप ने इसपर इंक्वायरी ऑर्डर किये थे...

हारून युसूफः Minister doesn't go into these details....it is power department..they have senior officers...it DERC which checks कि पावर कहां बेच रहे हैं...और कहां से खरीद रहे हैं...The job of DERC...Its not the job of ministers...when they submit their ARR..annual revenue requirement...अपनी समिट करते हैं...it is the duty of DERC to go into the details कि पावर खरीदी कितने में और बेची कितने में...That is not concern of the government...DERC बनाई क्यों है..

इससे साफ है कि केजरीवाल सरकार को समर्थन तो कांग्रेस दे रही है लेकिन बिजली का झटका कंपनियों के साथ साथ कांग्रेस को भी लग रहा है.

ऑडिट पर अफसरों का क्या है कहना?
दिल्ली में बिजली बांटने वाली कंपनियों के बड़े अधिकारियों ने भी हमारे स्टिंग ऑपरेशन 440 वोल्ट में खुलासा किया है.

आम आदमी के घरों पर आधे दाम पर बिजली देने के वायदे ने कांग्रेस के साथ साथ बिजली कंपनियों को भी 440 वोल्ट का झटका दे दिया है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और शीला सरकार में बिजली मंत्री रहे हारून युसूफ ने जो कुछ भी कहा वो आपने पढ़ा. अब हम आपको बताते हैं कि बिजली कंपनियों के अफसरों का क्या कहना है.

बीएसईएस-राजधानी के वाइस प्रेसिडेंट अजय कुमार से जब कहा गया कि उनकी कंपनी का ऑडिट होने जा रहा है तो ऑडिट के नाम पर ही वो भड़क गए. अजय कुमार का कहना था कि केजरीवाल सरकार की कार्रवाई का कोई मतलब नहीं है. बीएसईएस-राजधानी के सलाहकार आर सी नटराजन भी कहीं ना कहीं बिजली कंपनियों पर भ्रष्टाचार के आरोप से नाराज दिखे. टाटा की टीपीडीडीएल कंपनी भी दिल्ली में बिजली सप्लाई करती है. कंपनी के सीईओ का कहना है कि वो ऑडिट का स्वागत करते हैं.

उधर दिल्ली के पूर्व पावर सेक्रेटरी शक्ति सिन्हा का मानना है कि बिजली सप्लाई में धांधली हुई है और केजरीवाल का फैसला सही है. अब बिजली का दाम आधा होगा या नहीं और अगर होगा भी तो कब होगा, ये तो पता नहीं लेकिन कांग्रेस की माने तो अगर सरकार की तिजोरी का हाल खस्ता है तो ये वादे आधे अधूरे ही रहने वाले हैं.

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